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ये है अवैध निर्माणों का ग्रीन वर्ज, ग्रीन वर्ज ही नहीं रहेगा तो फिर ग्रीन वर्ज का क्या औचित्य
मेरठ: परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक एनएच-58 के ग्रीन वर्ज का स्वरूप ही बदल दिया गया हैं। पिछले दस वर्षों में इतने निर्माण ग्रीन वर्ज में नहीं हुए, जितने वर्तमान में चल रहे हैं। बीस से अधिक निर्माण तो वर्तमान में चल रहे हैं, जिनको रोका-टोका नहीं जा रहा हैं। जो भी निर्माण चल रहे हैं, वो सभी अवैध हैं, मगर इनको एमडीए के इंजीनियर भी रोकने की बजाय सेटिंग का खेल खेल रहे हैं। आखिर जिम्मेदारों को भी इंजीनियर गुमराह करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
इतना तब है, जब एमडीए वीसी अभिषेक पांडेय प्रत्येक सप्ताह प्रवर्तन की मीटिंग लेकर इंजीनियरों की क्लास लगा रहे हैं, मगर फिर भी इंजीनियर बाज नहीं आ रहे हैं। 'जनवाणी' ने पिछले छह माह से ग्रीन वर्ज को लेकर अभियान चला रखा हैं, लेकिन अवैध निर्माणों पर नहीं तो कोई बड़ी कार्रवाई हो रही हैं, नहीं इनको रोकने की दिशा में किसी तरह के प्रयास हो रहे हैं। परतापुर से जैसे ही रुड़की रोड की तरफ चलते हैं, तभी बाये हाथ पर लगातार दस रेस्टोरेंट ग्रीन वर्ज में बन गए हैं।
इनका निर्माण छह माह के भीतर ही हुआ हैं। एमडीए के मास्टर प्लान में ये ग्रीन वर्ज में दर्ज हैं, जिसको ओपन रहना चाहिए, मगर यहां पर निर्माण के बाद बिल्डिंग बनकर खड़ी हो गयी हैं। रेस्टोरेंट चल रहे हैं। परातपुर से जैसे रुड़की रोड की तरफ को चलते हैं तो सड़क के दोनों तरफ ये अवैध निर्माण ग्रीन वर्ज में हो गए हैं। इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती हैं। एनजीटी के आदेश पर भी कोई अमल एमडीए नहीं कर रहा हैं। ओयो होटल बागपत बाइपास पर बनकर खड़े हो गए हैं। ये सभी ग्रीन वर्ज में हैं, लेकिन इन पर कोई सख्ती नहीं की गई।
अब खूब कारोबार हो रहा हैं। तोड़ने के नाम पर इंजीनियर पीछे हट जाते हैं, आखिर जिम्मेदार कार्रवाई से क्यों बच रहे हैं? शोभापुर पुलिस चौकी के पीछे हलवाई का होटल बन गया हैं। ये पूरा ग्रीन वर्ज में हैं। तीन मंजिली इमारत कैसे खड़ी हो गई? क्या एमडीए इंजीनियर को बिल्डिंग का निर्माण होते हुए दिखाई नहीं दिया? बराबर में दीपक नामक व्यक्ति का होटल का तीन मंजिली बिल्डिंग का निर्माण चल रहा हैं। तीसरी मंजिल पर लिंटर डालने के लिए शटरिंग लगा दी गई हैं।
यदि एमडीए इन्हें अवैध निर्माण नहीं मानता है तो फिर यहां पर जो ग्रीन वर्ज मास्टर प्लान में घोषित किया गया, उसे खत्म करें। ग्रीन वर्ज भी एमडीए ने ही घोषित किया हैं और इसका पालन भी एमडीए के इंजीनियर नहीं करा पा रहे हैं, बड़ा ही खेद का विषय हैं। संस्कृति मंडप से सटकर ग्रीन वर्ज में कॉलोनी का विस्तार चल रहा हैं। इस कॉलोनी में जाने के लिए कोई रास्ता नहीं हैं, लेकिन निर्माण तेजी से चल रहा हैं।
चोटीवाला रेस्टोरेंट खुद ग्रीन वर्ज में बना दिया हैं, उसके बराबर में भी एक नया रेस्टारेंट का निर्माण लगभग फाइनल दौर में पहुंच गया हैं। जब निर्माणकर्ता रुक नहीं रहा है तो अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण भी एमडीए नहीं कर रहा हैं। योगीपुरम पुलिस चौकी से ठीक पहले एक बड़ा निर्माण ग्रीन वर्ज में चल रहा हैं। एक-दो निर्माण नहीं, बल्कि पचास से ज्यादा निर्माण परतापुर बाइपास से लेकर रुड़की रोड पर चल रहे हैं। सरधना बाइपास से सरधना रोड की तरफ दोनों तरफ कई शोरूम का निर्माण चल रहा हैं। दूसरी मंजिल भी बनाकर तैयार कर दी गई हैं। यहां भी ग्रीन वर्ज हैं, लेकिन ग्रीन वर्ज में निर्माण रुक नहीं पा रहे हैं।