उत्तर प्रदेश

22 साल के संघर्ष का परिणाम है यह सेतु

Admin4
18 Aug 2022 10:02 AM GMT
22 साल के संघर्ष का परिणाम है यह सेतु
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

अब गोरखपुर से संगमनगरी यानी प्रयागराज का सफर और आसान हो जाएगा। गोरखपुर-आंबेडकरनगर जिले के मध्य स्थित घाघरा नदी पर बने कम्हरिया घाट पुल से यह संभव होगा। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पुल का लोकार्पण करेंगे। इस पुल के बन जाने से प्रयागराज की दूरी करीब 80 किलोमीटर कम हो जाएगी। आंबेडकरनगर, आजमगढ़, जौनपुर, अयोध्या, संतकबीरनगर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ आदि जिलों के लिए भी बेहतर कनेक्टिविटी का विकल्प मिलेगा।

मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को दोपहर बाद करीब 2:30 बजे कम्हरिया घाट पहुंचेंगे। पहले कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग का स्टॉल देखेंगे। पुल का निरीक्षण करके उसका लोकार्पण करेंगे। जनकल्याणकारी योजना के लाभार्थियों को सम्मानित करना है। मुख्यमंत्री के साथ मंच पर जनप्रतिनिधियों के साथ ही कम्हरिया घाट पुल निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले करीब आधा दर्जन लोग भी मौजूद रहेंगे। आंबेडकर नगर जिले के आलापुर से भी लोगों को बुलाया गया है।

मुख्यमंत्री शाम चार बजे एमएमएमयूटी परिसर में बने हेलीपैड पहुंचेंगे और वहां से सड़क मार्ग से रानीडीहा स्थित संस्कृति पब्लिक स्कूल जाएंगे। देर शाम तक लखनऊ लौट जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री के आगमन के मद्देनजर डीएम कृष्णा करुणेश व एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बुधवार को कम्हरिया घाट पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया।

घाघरा नदी के कम्हरिया घाट (सिकरीगंज-बेलघाट-लोहरैया-शंकरपुर-बाघाड़) पर पुल का निर्माण 193 करोड़, 97 लाख, 20 हजार रुपये की लागत से हुआ है। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड ने 1412.31 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण जून 2022 में पूर्ण किया है।

22 साल के संघर्ष का परिणाम है कम्हरिया घाट पुल

कम्हरिया घाट पर पक्का पुल निर्माण के लिए सन 2000 के आसपास आंदोलन शुरू हुआ था। शुरुआत कम्हरिया घाट संघर्ष समिति के सदस्य गोवर्धन चंद, भिखारी प्रजापति और विनय शाही ने की। इन लोगों ने बार-बार धरना दिया। जिलाधिकारी से लेकर के प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री तक प्रार्थनापत्र देकर पुल निर्माण की मांग की। अप्रैल, 2013 में सर्वहित क्रांति दल के अध्यक्ष सत्यवंत प्रताप सिंह ने कम्हरिया घाट पर पक्का पुल निर्माण के लिए धरना-प्रदर्शन शुरू किया और देखते ही देखते यह जल सत्याग्रह के रूप में परिवर्तित हो गया जो लगभग 15 दिनों तक चला। इसके बाद प्रशासन ने सरयू नदी के किनारे जल सत्याग्रहियों पर लाठी चार्ज किया। फिर तत्कालीन सदर सांसद योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से कम्हरियाघाट पर पक्के पुल का निर्माण फरवरी 2014 से शुरू हुआ जो जुलाई 2022 में जाकर के पूरा हुआ।

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