उत्तर प्रदेश

इन पांच इनोवेशन ने आईआईटी कानपुर को बना दिया अव्वल

Admin Delhi 1
8 Jun 2023 5:54 AM GMT
इन पांच इनोवेशन ने आईआईटी कानपुर को बना दिया अव्वल
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कानपूर न्यूज़: आईआईटी कानपुर इनोवेशन के मामले में देशभर में अव्वल शिक्षण संस्थान है. संस्थान के पांच ऐसे इनोवेशन रहे जिन्होंने कामयाबी दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

श्वासा मास्क आईआईटी के स्टार्टअप ई-स्पिन नैनोटेक प्रा. लि. के फाउंडर डॉ. संदीप पाटिल ने इस मास्क को विकसित किया है. यह नैनोफाइबर पर आधारित एन-95 मास्क है. यह मास्क कोरोना वायरस समेत सभी तरह के बैक्टीरिया व वायरस से सुरक्षित रखता है. इस मास्क ने कोविड काल में लाखों लोगों को संक्रमण से सुरक्षित रखा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई सांसद-विधायक व सेलिब्रेटी भी इस मास्क का प्रयोग कर रहे हैं. विदेशों में भी यह मास्क पहना गया है.

वेंटीलेटरआईआईटी के वैज्ञानिकों की टीम की मदद से स्टार्टअप नोकारोबोटिक्स के निखिल कुरेले के साथ एक सस्ता व अत्याधुनिक वेंटीलेटर विकसित किया है. जिसे कोविड संक्रमण के दौरान सिर्फ 90 दिन में तैयार किया गया है. देश में जब वेंटीलेटर की कमी पड़ी तो वैज्ञानिकों ने दिन-रात मेहनत कर सिर्फ 90 दिन में इसे विकसित कर लिया. यह वेंटीलेटर वर्तमान में उपलब्ध वेंटीलेटर से अत्याधुनिक है और सस्ता है.

निदेशक ने गिनाईं उपलब्धियां

एनआईआरएफ 2023 के इनोवेशन वर्ग में देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने ट्वीट कर सभी स्टार्टअप, वैज्ञानिक व स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन टीम को बधाई दी. कहा, साइबर सिक्योरिटी, ब्लॉकचेन, डिफेंस, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, क्लीन टेक, ग्रीन टेक, एग्रीटेक, फिनटेक आदि सेक्टर में संस्थान के वैज्ञानिक व स्टार्टअप की टीम ने बेहतरीन तकनीक व उत्पाद विकसित किए हैं. वहीं, कई मेडिकल टेक्नोलॉजी, जेन थेरेपी को इंडस्ट्री को ट्रांसफर किया है.

ब्लॉकचेन आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल की देखरेख में टीम ने ब्लॉकचेन तकनीक विकसित की है. इसकी मदद से जरूरी दस्तावेज सुरक्षित रख सकते हैं. कर्नाटक सरकार ने भू-अभिलेखों को इस तकनीक से सुरक्षित रखा है. आईआईटी की डिग्रियां भी इस तकनीक से दी जा रही है. एलडीए के दस्तावेज भी इस तकनीक से सुरक्षित रखने की तैयारी है. ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग कई मंत्रालयों में करने की तैयारी है.

सीएसए को 30वां स्थान

सीएसए को एग्रीकल्चर कैटेगरी में 30वां स्थान मिला है. प्रदेश के चारों कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में सीएसए सबसे आगे है. कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह और पूर्व कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह व डॉ. डीआर सिंह ने इस पर बधाई दी है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 12 अलग-अलग कैटेगरी के साथ ओवरआल रैंकिंग जारी की है. आईआईटी कानपुर को रिसर्च इंस्टीट्यूट में छठा, इंजीनियरिंग में पांचवां और मैनेजमेंट में 23वां स्थान मिला है. आईआईटी कानपुर पहले नंबर पर है. दूसरे पर आईआईटी मद्रास, तीसरेपर आईआईटी हैदराबाद.

भू-परीक्षक आईआईटी के वैज्ञानिक प्रो. जयंत कुमार सिंह ने भू-परीक्षक विकसित किया है. जिसकी मदद से सिर्फ 90 सेकेंड में मिट्टी के स्वास्थ्य की जांच की जा सकती है. इसे मोबाइल से जोड़कर किसान घर बैठे रिपोर्ट देख सकता है. इस तकनीक को संस्थान ने हस्तांतरित भी कर दिया है.

जीन थेरेपी आईआईटी के वैज्ञानिक प्रो. जयनधरन गिरिधर राव व उनकी टीम ने आनुवांशिक नेत्र रोगों को दूर करने के लिए एक जीन थेरेपी विकसित की है. जिसकी मदद से आंखों के रोगों को ठीक किया जा सकेगा. इस थेरेपी को संस्थान ने रिलायंस लाइफ साइंसेज को एमओयू के साथ सौंपा है.

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