उत्तर प्रदेश

विकास योजनाओं के लिए जमीन की दिक्कत नहीं होगी

Harrison
22 Sep 2023 9:03 AM GMT
विकास योजनाओं के लिए जमीन की दिक्कत नहीं होगी
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उत्तरप्रदेश | शहरी क्षेत्र में अब विकास योजनाओं के लिए जमीन की दिक्कत नहीं रहेगी. नगर निगम ने पहली बार रिमोट सेसिंग एप्लीकेशन सेंटर की मदद से जमीन का रिकॉर्ड तैयार किया है. सर्वे के बाद पहली बार 2700 संपत्ति की पहचान हुई है. वहीं, 2151 किलोमीटर लंबी सड़क की भी पहचान हुई है. निगम को अब अपनी संपत्ति पर नजर रखना आसान हो जाएगा.
शहर में कितनी जमीन निगम की है, किस क्षेत्र की जमीन पर कब्जा है. तालाब और झील की क्या स्थिति है इसका पूरा रिकॉर्ड निगम के पास नहीं रहता था. जब भी कोई नई परियोजना पर काम करने की योजना तैयार की जाती तो जमीन की बाधा सामने आने लगती थी. यही नहीं, जमीन को कब्जामुक्त भी नहीं कराया जा रहा था.
शासन के आदेश पर शहरी क्षेत्र में रिमोट सेसिंग एप्लीकेशन सेंटर की मदद से जमीन, नाले, सड़क, पार्क आदि का सर्वे कराया गया. इसमें पता चला कि शहर में 2700 संपत्ति निगम की है. इनमें से बंजर भूमि, उसर भूमि, नवीन परती, पुरानी परती की पहचान हुई.121 तालाब और झील का पता चला. फिलहाल 2300 संपत्ति का रिकॉर्ड तैयार कर लिया गया. 400 संपत्ति अभी रह गई हैं. अगले 15 दिन में उनका रिकॉर्ड भी तैयार हो जाएगा. निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एनके चौधरी ने बताया रिमोट सेसिंग एप्लीकेशन सेंटर की मदद से सर्वे का काम दस दिन में पूरा हो जाएगा. अभी तक का डाटा टीम ने दो दिन पहले साझा किया था.
2151 किलोमीटर लंबी सड़क की पहचान
शहरी क्षेत्र के पांचों जोन में निगम की 2151 किलोमीटर लंबी सड़क है. अभी तक सड़कों की पहचान करने में दिक्कत आ रही थी. शहर में जीडीए, आवास विकास और नगर निगम आदि विभागों की सड़कें हैं. रिमोट सेसिंग एप्लीकेशन सेंटर की मदद से सड़कों का रिकॉर्ड तैयार कर लिया गया है. निगम के निर्माण विभाग ने सड़कों की पहचान देने का काम शुरू कर दिया है. मुख्य सड़क और वार्डों के अंदर की सड़कों पर नंबर दिए जा रहे हैं. इससे सड़कों की पहचान करना आसान होगा. इससे उनकी मरम्मत करने में आसानी होगी. इसी तरह नालों का रिकॉर्ड भी तैयार हो गया है. अब नालों की सफाई करने में आसनी होगी.
पार्कों का डाटा अभी तैयार नहीं
रिमोट सेसिंग एप्लीकेशन से निगम के पार्कों का डाटा अभी तैयार नहीं हो सका. उस पर काम किया जा रहा है. माना जा रहा है कि एक सप्ताह में यह डाटा भी तैयार कर लिया जाएगा. इसके बाद निगम अपने पार्कों की पहचान कर कार्य करा सकेगा.
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