उत्तर प्रदेश

रोजाना 50 किलो से अधिक कचरा होने पर लगेगा जुर्माना, कचरे का प्रबंधन खुद ही करना होगा

Admin Delhi 1
9 Oct 2022 8:12 AM GMT
रोजाना 50 किलो से अधिक कचरा होने पर लगेगा जुर्माना, कचरे का प्रबंधन खुद ही करना होगा
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सिटी न्यूज़: गोरखपुर शहर में अगर किसी संस्थान ने प्रतिदिन 50 किलोग्राम या उससे अधिक कचरा पैदा किया तो इसके लिए कचरे का प्रबंधन खुद ही करना होगा। अन्यथा निरीक्षण के दौरान ज्यादा कचरा मिलने पर जुर्माना भी चुकाना पड़ेगा। नगर निगम जागरूकता अभियान के बाद कड़ा रुख अपनाने की तैयारी में है। ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के तहत प्रतिदिन 50 किलोग्राम या इससे अधिक कचरा उत्पन्न करने वालों को बल्क वेस्ट जनरेटर की श्रेणी में शामिल किया गया है। नियमानुसार उन्हें उत्पन्न होने वाले कचरे का अपने स्तर पर ही प्रबंधन करना अनिवार्य है। जो ऐसा नहीं करेंगे, उन पर जुर्माना व अन्य कार्रवाई का प्रावधान है। शहर के कचरा प्रबंधन की साल-2016 की गाइडलाइन आने के बाद बड़े पैमाने पर कचरा पैदा करने वाले संस्थानों पर निगम की निगाह है। ये संस्थान कचरा नगर निगम के डंप में ही फेंक रहे हैं। निगम की ओर से अभी तक किसी संस्थान पर पैनल्टी नहीं लगाई गई है। यही नहीं, साल 2016 की गाइड लाइन के मुताबिक घरों से निकलने वाला भी 60 प्रतिशत कचरा खुद लोगों को मैनेज करना पड़ेगा। फिलहाल ये संस्थान रडार पर विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, सरकारी एवं निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, होटल, रेस्टोरेंट,मॉल, मैरेज हाल, शादी घर, बैंन्केट हॉल, सिनेमा हॉल, मल्टी स्टोरी कॉम्पलेक्स, कॉम्पलेक्स, व्यवसायिक कटरा, व्यवसायिक कॉम्पलेक्स, आवासीय अपार्टमेन्ट, आवासीय सोसायटी और कई प्राईवेट आवासीय कालोनी नगर निगम के रडार पर हैं।

कचरे से बनाएं खाद: नगर आयुक्त ने सभी होटलों, मैरेजहालों एवं आरडब्लूए, बीडब्लूजी और हास्पिटलों के संचालकों से अपील की है कि यदि 50 किलोग्राम से अधिक कचरा प्रतिदिन उत्पादित होता है, तो उसके निस्तारण का इंतजाम करें। प्रतिदिन के उत्पादित गीले कूडे की कम्पोस्टिंग बनाएं। नर्सिग होम एवं हास्पिटल संचालकों को अपने बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण वैज्ञानिक विधि सें कराना होगा।

इन नियमों के मुताबिक लगेगा जुर्माना: राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के इन्वायरमेंटल कम्पनसेशन अधिनियम के धारा 15 एवं 17 के अन्तर्गत 50 से किग्रा से अधिक कचरा उत्पादनकर्ता कचरे का निस्तारण अपने परिसर में ही करना सुनिश्चित करेंगे। नगरीय ठोस अपशिष्ट निस्तारण नियम-2016 एवं उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश एवं नगर निगम गोरखपुर के ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन उपविधि-2017 के अन्तर्गत हास्पिटलों एवं र्निसंग होमों से उत्पादित मेडिकल वेस्ट का सुरक्षित निपटान करना अनिवार्य है। इसका प्रमाण, प्रतिष्ठान पर निरीक्षण के दौरान प्रर्दिशत करना होगा। अन्यथा की दशा में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के इन्वायरमेंटल कम्पनसेशन अधिनियम के धारा 15 एवं 17 के अन्तर्गत निर्धारित जुर्माना होगा। नगर आयुक्त, अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि किचन के गीले कचरे को बाहर फेंकने के बजाय खाद बनाकर बिक्री करें। सिर्फ उसी कचरे को घर के बाहर निगम के डंप में फेंकने की अनुमति होगी जिस कचरे का न रीसाइकिल यूज हो सकता है न खाद बन सकती है।

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