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कोठी घाट पर मचा कोहराम, बदहवाश हो गए परिजन, यहां देखें पूरा घटनाक्रम

बिल्हौर कोतवाली के अरौल कोठी घाट पर छह लोगों के डूबने से एक की मौत हो गई और चार किशोरियां और एक युवक अभी भी लापता है। घटना के बाद से ही कोठी घाट पर कोहराम मच गया। घाट पर पहुंचे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। लापता किशोरियां अपने मामा के घर पर रेडीमेड दुकान के उद्घाटन पर आईं थी। जो मामा से नए कपड़े घर ले जाने की जिद भी कर रही थीं। परिजनों ने रो-रोकर कहा कि भांजियों ने मामा से कहा था कि मैं तो ड्रेस लेकर ही घर जाऊंगी। कहा कि सब धरा का धरा रह गया। परिजनों ने राहत बचाव कार्य समय से शुरू न होने पर गुस्सा जताया। इसदौरान घाट पर पहुंचे अधिकारी और नेता परिजनों को ढाढंस बंधाते रहे।सगे भाई की मौत, भांजियां लापता
संदीप के सगे भाई सौरभ को पनकी गंगागंज कानपुर में रहने वाले ताऊ रामसिंह ने गोद लिया था। दुकान के उद्घाटन में वह भी आया था। मंगलवार को 20 वर्षीय सौरभ के साथ भांजियां अनुष्का उर्फ दिव्या, अंशिका, अभय, वंश, तनुष्का, अनुष्का, सृष्टि व गौरी कोठी घाट पर गंगा नहाने गए थे। घाट पर सृष्टि व गौरी किनारे खड़ी थीं और बाकी लोग गंगा नहा रहे थे। इस बीच गंगा के तेज बहाव में बही तनुष्का को बचाने में बाकी सभी डूब गए। सौरभ को बाहर निकाला गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। देर शाम तक लापता किशोरियों और एक युवकी का पता नहीं चला।
कई घण्टे बाद प्रशासन को मिली सूचना
संदीप कटियार की दुकान का उद्घाटन बीते रविवार को हुआ था । उसी की हवन सामग्री का विसर्जन करने सभी किशोर आए थे । जिसमें सौरभ को छोड़कर सभी नाबालिग ही थे जिसके कारण परिजन समेत प्रशासन को सूचना मिलने मे देरी रही जिसके चलते शव को ढूढ़ना मुश्किल हुआ ।
घाट पर नहीं थी पुलिस की तैनाती
प्रतिवर्ष शासन की ओर से नवरात्रि मे प्रतिमा विर्सजन को लेकर सचिव ,लेखपाल ,ग्राम प्रधान सहित अन्य कर्मचारियों की रोस्टर के तहत ड्यूटी लगाई जाती थी। लेकिन इस बार किसी प्रकार की ना ही ड्यूटी लगाई गई और ना ही कोई कर्मचारी घाट पर तैनात किया गया इससे पहले भी कई बार हादसे हो चुके थे लेकिन स्थानीय प्रशासन से कहीं ना कही मामले मे चूक हुई है। बीते गणेश चतुर्थी के कार्यक्रम मे नानानऊ गंगा घाट पर चार युवक डूबे थे । लेकिन वहां पर स्थानीय लोगों ने गोताखोरों के मदद से लोगों को बचा लिया था ।
पति के बाद छूटा दो बेटियों से साथ
कल्याणपुर निवासी रूचि कटियार की दो बेटी अनुष्का और मनु दोनो गंगा की लहरों मे समा गई जिससे उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट गया । बीते कुछ पहले पति का निधन हुआ जैसे तैसे परिवार को पाल कर बच्चियों का आईएस बनाने का सपना पाला था लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। डीएम विशाख जी ने जब ढांढस बधांया तो मां की आखों से आसुओं की कतार उमड़ पड़ी और बोली साहब मेरी बेटी आईएस बनना चाहती और क्या हो गई । बच्चों की मौत के बाद तमाम जनप्रतिनिधि ने पहुंचें तो सबकी आंखो नम हो गई।
सेल्फी के चक्कर मे बच्चें पहुंचे गहरे पानी मे
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बच्चे अकेले होने के कारण बीच गंगा मे जाकर सेल्फी खींच रहे थे इसी दौरान तेज बहाव मे फंस जाने के एक दूसरे को गहरे पाना मे जाते रहे और बहते रहे । कच्चा घाट होने के कारण पानी मे पकड़ने का कोई साधन नही था जिसके कारण बच्चे तेज बहाव मे बह गए ।घटना के छह घंटे बाद पहुंची एसडीआरएफ की टीम महत दो घंटे की सर्च अभियान जारी रख सकी। अंधेरा होते ही शाम छह बजे केबाद एसडीआरएफ की टीम नदी से बाहर आ गई। अब गुरुवार सुबह फिर से सर्च अभियान जारी होगा।
पूरा घटना क्रम
सुबह 10.45 बजे : घाट पर छह लोग डूबे
12.00 बजे : गोताखोर गंगा में कूदे
12 बजे : अरौल चौकी
12.45 बजे : एक को बाहर निकाला गया
12.50 बजे : पुलिस अधिकारी पहुंचे
2.00 बजे :- आई रेंज कानपुर प्रशांत कुमार पहुंचे
2.15 बजे : डा. राजशेखर पहुंचे
03 बजे : क्षेत्रीय विधायक राहुल बच्चा पहुंचे
03.45 बजे : डीएम विशाख जी और एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह पहुंचे।
शाम 4 बजे – सांसद अशोक रावत और विधायक नीलिमा कटियार पहुंची
04.45 बजे : एसडीआरएफ टीम घाट पहुंची
शाम 6 बजे : विधायक प्रतिभा शुक्ला और पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी
शाम 6.10 बजे : एसडीआरएफ ने रेस्क्यू बंद किया
07 बजे : डीएम समेत अधिकारी लौटे
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar