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उत्तर प्रदेश
कानपुर में 1984 के दंगे में सिखों को जिंदा फूंकने के बाद की थी लूटपाट, अब हुए गिरफ्तार
Deepa Sahu
23 Jun 2022 11:01 AM GMT

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1984 सिख दंगे के पकड़े गए आरोपित की संख्या छह पहुंच गई है।
कानपुर: 1984 सिख दंगे के पकड़े गए आरोपित की संख्या छह पहुंच गई है। इनमें से एक ने खुद एसआईटी दफ्तर पहुंचकर सरेंडर किया। दूसरे को घाटमपुर जाकर धर-दबोचा। सीएमएम कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। एसआईटी ने बुधवार रात को पांच और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी पर सिख दंगे के दौरान सिखों को जिंदा फूंकने के साथ ही लूटपाट का आरोप है।
एसआईटी ने पांचों को किया गिरफ्तार
किदवई नगर, जूही लाल कॉलोनी और निराला नगर में ताबड़तोड़ दबिश देकर एसआईटी ने पांचों को गिरफ्तार किया है। एसआईटी सिख दंगे में अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
एसआईटी अध्यक्ष ने करेंगे समीक्षा बैठक
एसआईटी अध्यक्ष पूर्व डीजीपी अतुल कुमार ने इस मामले को लेकर गुरुवार को समीक्षा बैठक बुलाई है। सिख दंगे में अब तक हुई कार्रवाई को लेकर समीक्षा होगी। इसके साथ ही दंगे में शामिल मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी को भी लेकर रणनीति तैयार की जाएगी।
पकड़े गए आरोपियो के गंभीर आरोप
निराला नगर में गुरुदयाल सिंह की तीन मंजिला इमारत में 12 सिख परिवार रहते थे। 1 नवंबर 1984 को इस इमारत पर दंगाइयों ने हमला कर दिया। दंगाइयों ने सरदार भूपेन्द्र सिंह और रक्षपाल सिंह को छत से अग्निकुंड में फेंक दिया था। वहीं, गुरुदयाल सिंह के बेटे सतवीर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
दंगे के दौरान जघन्य हत्याकांड के आरोपी साकेत नगर बीएसएनएल एक्सचेंज के सामने कंजड़पुरवा किदवई नगर निवासी जसवंत (68), जूही लाल कॉलोनी निवासी रमेश चन्द्र दीक्षित (62), रविशंकर मिश्रा (76), निराला नगर निवासी भोला (70) और यू ब्लॉक निराला नगर निवासी गंगा बक्श सिंह (60) को गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार को तीनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।
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Deepa Sahu
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