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हादसे से मच गई चीख-पुकार, मृतक परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर
लावड़: मृतकों के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। सीताराम घोड़ा-बग्गी बरात में ले जाकर परिवार का भरण पोषण करता था। बेटा प्रदीप भी यहीं काम करता है। जबकि छोटा बेटा प्रवीण पढ़ाई कर रहा है। वहीं, तौफीक व अहजाद आठ बहन-भाई है। तौफीक सबसे बड़ा था और अहजाद उससे छोटा। पूरे परिवार के भरण पोषण की दोनों पर ही जिम्मदारी थी।
तौफीक अपने परिवार के साथ ग्रेटर लावड़ में झोपड़ी में रहता है। लावड़-मसूरी मार्ग पर हुए बड़े हादसे की सूचना मिलने पर लोगों में कोहराम मच गया। परिवार के लोगों को जब उनके परिवार के सदस्यों की मौत होने की सूचना मिली तो वह सदमे में आ गए। परिवार के लोगों में चीख-पुकार मच गई। हालांकि हादसे की सूचना मिलने पर हजारों की तादाद में लोग वहां पहुंच गए। दुर्घटना के बाद लोग एक-दूसरे की मदद में जुट गए।
केंद्रीय मंत्री ने दिया नौकरी लगवाने का आश्वासन
हादसे में मारे गए युवकों के परिवार को सांत्वना देने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान उनके घर पहुंचे। उन्होंने गहरा दुख व्यक्त किया और घायलों के इलाज के लिए डॉक्टर को फोन करके बेहतर से बेहतर इलाज करने को कहा। उन्होंने तौसीफ व ऐजाद के परिवार वालों को रहने के लिए मकान की व्यवस्था कराने एवं सीताराम के बेटे को जल्दी ही नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया।
उधर, सरधना विधायक अतुल प्रधान की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान भी पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने पहुंची। सीमा प्रधान ने भी हर सुख दु:ख में पीड़ित परिवार की मदद करने और उनके साथ रहने का आश्वासन दिया।
अब इनके परिवारों का कौन बनेगा सहारा?
गरीब एवं बेसहारा लोगों के जीवन यापन करने का सहारा कौन बनेगा? क्योंकि मृतकों का परिवार बेहद गरीब एवं निर्धन है। परिवार का लालन पोषण करने में यह जुटे हुए थे, लेकिन एक साथ इनकी मृत्यु होना लोगों के लिए काल बन गया। कस्बे में एक साथ तीन लोगों के शव उठने के कारण लोगों में कोहराम मचा रहा और लोगों के घरों में चूल्हे तक नहीं जले।
क्या कहना है इनका
दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई। जबकि दो लोगों का अभी अस्पताल में उपचार चल रहा है। जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। शवों का पोस्टमार्टम करा दिया गया है। -जितेंद्र दुबे, इंस्पेक्टर, इंचौली