उत्तर प्रदेश

मौत की खबर से अमेठी में शोक की लहर, गांधी परिवार के करीबी थे सैयद सिब्ते रजी

Admin4
20 Aug 2022 2:45 PM GMT
मौत की खबर से अमेठी में शोक की लहर, गांधी परिवार के करीबी थे सैयद सिब्ते रजी
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अमेठी : गांधी परिवार के बेहद करीबी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार सैयद सिब्ते रजी (Syed Sibtey Razi ) का लखनऊ स्थित केजीएमयू अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. निधन की खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी. सैयद रजी लगभग 83 वर्ष के थे. सिब्ते रजी ने विधान परिषद और राज्य सभा के कई बार कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था. पूर्व एमएलसी दीपक सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने गहरा शोक जताया है.सैयद सिब्जे रजी का जन्म लगभग 1939 में उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित जायस कस्बे में एक सामान्य परिवार में हुआ था. सैयद विरासत हुसैन और रजिया बेगम के परिवार में जन्मे सैयद रजी के माता पिता का देहांत उस समय ही हो गया, जब वह काफी छोटे थे. उनका लालन पालन बड़े भाई सैयद ने किया. जायस से प्राथमिक शिक्षा लेने के बाद वह हाई एजुकेशन के लिए अपने मौसा के पास लखनऊ चले गए. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकॉम करने के दौरान उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली. 1969 में वह युवा कांग्रेस के नेता के तौर पर अमेठी लौटे. छात्र नेता के तौर पर पहचान बनाने के बाद कांग्रेस ने 1971 में यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया. वर्ष 1973 तक वह इस पद पर बने रहे. सैयद सिब्ते रजी तीन बार राज्यसभा सदस्य के रूप में चुने गए. पहली बार 1980 से 1985 तक, दूसरी बार 1988 से 1992 तक और तीसरी बार 1992 से 1998 तक उन्होंने राज्यसभा सांसद के रूप में कार्यकाल पूरा किया. 1980 से 1984 तक सिब्ते रजी यूपी कांग्रेस के महासचिव (Uttar Pradesh Pradesh Congress) भी रहे. झारखंड के राज्यपाल के रूप में उनका सबसे लंबा कार्यकाल तय किया. यूपीए शासन के दौरान वर्ष 2004 से 2009 तक झारखंड के राज्यपाल के पद पर रहे. सिब्ते रजी कांग्रेस से विधानपरिषद सदस्य भी रहे. भारत सरकार में राज्यमंत्री के पद भी रहे. बाद में, झारखंड तथा असम में राज्यपाल जैसे पदों को सुशोभित किया.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने ट्वीट कर जताया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि दुःखद, सैयद सिब्ते रज़ी जी हमारे बीच नहीं रहे. आप कांग्रेस से विधानपरिषद और राज्यसभा के कई बार सदस्य और भारत सरकार में राज्यमंत्री रहे, झारखंड तथा असम में राज्यपाल जैसे पदों को सुशोभित किया. उन्होंने आगे अपने ट्वीट में लिखा है कि आपने 1969 में युवक कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत जायस (अमेठी) से की थी .

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