उत्तर प्रदेश

अचानक छात्राओं की हालत बिगड़ने से मचा हड़कंप

Suhani Malik
5 July 2022 7:30 AM GMT
अचानक छात्राओं की हालत बिगड़ने से मचा हड़कंप
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न्यूज़: तीतरों (सहारनपुर)। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में छात्राओं की तबीयत खराब होने से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि छात्राओं ने रविवार की सुबह करीब दस बजे ही तबीयत खराब होने की शिकायत की थी। इससे पहले उन्हें शनिवार की रात आलू, टमाटर की सब्जी दी गई थी। आलू और टमाटर की सब्जी में ही कुछ रहा हो। जिससे छात्राओं की हालत बिगड़ गई। वहीं एक और लापरवाही सामने आई कि तबीयत खराब होने के बाद भी 35 छात्राओं को उनके घर भेज दिया गया।विद्यालय में 100 छात्राएं पंजीकृत हैं। रविवार की सुबह विद्यालय में 61 छात्राएं उपस्थित थीं, जिनमें से कुछ छात्राओं ने रविवार की सुबह दस बजे ही सिर में दर्द होने की शिकायत की थी। इस संबंध में सीएचसी गंगोह के चिकित्सकों से सलाह ली गई थी। उन्होंने हल्का भोजन देने को कहा था। 35 छात्राओं को परिजन अपने घर ले गए थे। इसके बाद 26 छात्राएं विद्यालय में रह गई थीं। चिकित्सक की सलाह से उन्हें दोपहर और रात के भोजन में खिचड़ी दी गई, लेकिन 15 छात्राओं की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। कइयों के सिर में दर्द, चक्कर आना और उल्टी होने जैसे लक्षण थे। ऐसे में विद्यालय स्टाफ ने सीएचसी पर फोन कर चिकित्सक को बुलाया। चिकित्सक ने छात्राओं की हालत देखी तो उन्हें एंबुलेंस के जरिए तुरंत सीएचसी गंगोह ले जाया गया। वहां ड्रिप लगाने के बाद पांच छात्राओं में कंपकंपी की शिकायत हुई।

इनमें सिया पुत्री हरपाल उम्र 12 वर्ष, वंशिका पुत्री राजबीर उम्र 12 वर्ष, समीक्षा पुत्री रामवीर उम्र 13 वर्ष, सिमरन पुत्री संजय उम्र 13 वर्ष और पारुल पुत्री सोनू उम्र 14 वर्ष को गंभींर हालत में जिला अस्पताल भेजा गया। पांचों को जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया था, जहां पर वंशिका, सिया और सिमरन की तबीयत में सुधार नहीं होने पर राजकीय मेडिकल कॉलेज पिलखनी के लिए रेफर किया गया। कुल तीन छात्राओं को चंडीगढ़ रेफर किया गया है। पारुल और समीक्षा जिला अस्पताल के आईसीयू में दोपहर दो बजे तक भर्ती थीं।उधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम अजय कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी संजय भारती विद्यालय पहुंचे और पूरी जानकारी ली। एसडीएम ने मौके पर मौजूद एकमात्र शिक्षिका नीलम को इस बात के लिए लताड़ा कि उन्होंने तबीयत खराब होने पर इसकी सूचना तुरंत उच्चाधिकारियों को क्यों नहीं दी थी। तबीयत बिगड़ने के बाद छात्राओं को उनके परिजनों के सुपुर्द क्यों किया। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी से पूछा कि क्या वह नियमित रूप से विद्यालय का दौरा कर यहां की व्यवस्थाओं को देखते हैं। उन्होंने खराब पड़े सीसीटीवी कैमरों पर भी नाराजगी व्यक्त की।

उधर, अभिभावक सोनू, संजीव, रामवीर आदि का आरोप है कि खाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। जिला अस्पताल में अपने बच्चों की तीमारदारी में पहुंचे परिजनों का कहना है कि उड़द और चने की दाल दोपहर के भोजन में दी गई थी, जबकि रात में केवल खिचड़ी दी गई थी। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने अपर जिलाधिकारी-प्रशासन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव मांगलिक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अंबरीष कुमार की समिति बनाकर जांच के निर्देश दिए हैं। तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। क्षेत्रीय विधायक किरत सिंह ने अस्पताल पहुंचकर बीमार छात्राओं का हाल जाना।जिन छात्राओं की तबीयत बिगड़ी है। उनमें करीब 30 छात्राएं बताई गई हैं, लेकिन जिनकी हालत अधिक खराब है। उनमें वेेदिका, निक्की, नैना, रजनीत, शिवासी, निधि, शिवानी, आशा, कशिश, प्रिया, सिमरन, सिया, वंशिका, पारुल, समीक्षा आदि शामिल हैं।कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पूर्णकालिक शिक्षिकाओं पर अधिक जिम्मेदारी रहती है। वार्डन के साथ ही कम से कम दो पूर्णकालिक शिक्षिकाओं को विद्यालय में 24 घंटे मौजूद रहना चाहिए, लेकिन जानकारी मिली है कि ज्यादातर शिक्षिकाएं शनिवार को ही अपने घर निकल गई थीं। ऐसे में केवल एक शिक्षिका ही विद्यालय में मौजूद थी।

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