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उत्तरप्रदेश | पं. गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान, झूंसी में 43वां स्थापना दिवस मनाया गया. पहले चरण में पंतजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद संस्थान के निदेशक प्रोफेसर बद्रीनारायण ने संस्थान की उपलब्धियां साझा की तथा मंच पर सामाजिकी (अंक-3) व पॉलिसीज़ फॉर द पुअर एंड मारजिन्ल्स ए स्टडी ऑफ गरीब कल्याण योजना इन इंडिया और बियॉन्ड बाउन्ड्रीज़ ए स्टडी ऑफ सोशल इम्पैक्ट ऑफ मन की बात का विमोचन किया गया. डॉ सुभाष कुमार ने पं गोविन्द बल्लभ पंत के जीवन पर प्रकाश डाला.
कार्यक्रम के दूसरे चरण में अशोका यूनिवर्सिटी हरियाणा से आए इतिहासकार व पर्यावरणविद् प्रोफेसर महेश रंगराजन ने शेर, चीता, हाथी पर भारत की पारिस्थितिकी और वन्य जीवन विषय पर अपना बात रखी. उन्होंने जंगलों के लगातार दोहन से शेर, चीता, हाथी जैसे वन्य जीवों पर कैसे संकट गहराया इसकी चर्चा की.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर राजेन हर्षे ने पर्यावरण के सतत विकास हेतु वन, वन्यजीव और मनुष्य के क्रियाकलापों में अनुकूल सामंजस्य होना जरूरी बताया. प्रो बद्रीनारायण ने सभी अतिथियों का आभार जताया. डॉ गोपानी चंदरैया ने वक्ताओं का परिचय दिया. धन्यवाद डॉ जूएल राना ने दिया. संचालन डॉ सुभाष कुमार एवं डॉ पूजा पाल ने किया.
कलाकारों ने समां बांधा
समारोह में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया. गोरखपुर से आए कबीर वाणी गायक राम प्रसाद व उनकी टीम ने कबीर के कई निर्गुण वाणी को पेशकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया. बनारस घराने से आए सोनी सेठ के नेतृत्व में कलाकारों ने कथक प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया. कार्यक्रम में फूलपुर विधायक प्रवीण पटेल, प्रो राजेन हर्षे, पूर्व आईजी केपी सिंह, संस्थान के निदेशक बद्रीनारायण तथा संस्कृति विभाग के निदेशक अतुल द्विवेदी, डॉ अर्चना, डॉ बृजेंद्र गौतम, जेपी त्रिपाठी आदि मौजूद रहे.
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Harrison
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