उत्तर प्रदेश

हरियाली तीज पर छा जाता है मातम, जानें वजह

Admin4
31 July 2022 1:28 PM GMT
हरियाली तीज पर छा जाता है मातम, जानें वजह
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credit by;news18

बबराला. समूचा देश आज यानी रविवार को हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022) मना रहा है लेकिन संभल के एक मोहल्ले में हरियाली तीज के दिन मातम होता है. यहां न मेंहदी लगेगी, न पकवान बनेगा और न महिलाएं शिव पार्वती के मिलन के दिन पति की दीर्घायु की कामना करेंगी. तीज के दिन यहां सन्नाटा पसरा रहता है. संभल के हल्लू सराय का कन्नौजिया ठाकुर परिवार 800 साल से इस मातम की परंपरा पर अब भी कायम हैं.

इस पूरे माजरे को समझने के लिए करीब 800 साल पुराने इतिहास के पन्नों को पलटना होगा. मोहल्ले के लोगों के अनुसार, बात करीब 800 साल पुरानी है, जब हिंदू राजा प्रथ्वी राज चौहान ने अपने शासनकाल में शहर के ऐतिहासिक मनोकामना तीर्थ स्थित कुंड में स्नान पर टैक्स लगा दिया था. किंवदंती के अनुसार कन्नौज के राजा लाखन मलखान को हिनलाल देवी (मां काली) ने स्वप्न में दर्शन दिए और कहा कि मुझे टैक्स से मुक्त करो. इसके बाद कन्नौज से लाखन मलखान अपनी सेना लेकर संभल पहुंचे, जहां पृथ्वीराज चौहान और लाखन मलखान की सेना में युद्ध हुआ.

पृथ्वीराज चौहान ने लाखन को बाण मारा, जिससे वह मर गया. अपने राजा लाखन मलखान के साथ आए तमाम सैनिक संभल में ही बस गए. उनकी अगली पीड़ियां हल्लू सराय में रहती हैं. सभी ठाकुर हैं, तभी से सभी हरियाली तीज नहीं मनाते हैं.

अपने राजा के गम में इन परिवारों में हरियाली तीज के दिन मातम होता है. गलियां सुनसान पड़ी रहती हैं. वहीं, शहर के दूसरे हिंदू तीज मनाते हैं. 800 साल से इन लोगों के बीच तीज ना मनाने की परंपरा पर कायम है.

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