उत्तर प्रदेश

लता मंगेशकर के नाम से अयोध्या में चौराहा बनाने पर संतों में गहरी नाराजगी, जानें वजह

Renuka Sahu
18 Aug 2022 4:50 AM GMT
There is deep resentment among the saints for making a crossroads in Ayodhya in the name of Lata Mangeshkar, know the reason
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फाइल फोटो

अयोध्या में सरयू तट पर बंधा तिराहे पर निर्माणाधीन लता स्मृति उपवन को लेकर संत समाज में गहरी नाराजगी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अयोध्या में सरयू तट पर बंधा तिराहे पर निर्माणाधीन लता स्मृति उपवन को लेकर संत समाज में गहरी नाराजगी है। मणिराम छावनी में बुधवार को आयोजित संतों की बैठक में प्रस्ताव पारित कर नयाघाट बंधा तिराहा को जगदगुरु रामानंदाचार्य के नाम पर चौक घोषित कर उनकी मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई। यह भी कहा गया कि मूर्ति के लिए आवश्यक धनराशि संत समाज देने को तैयार है।

संत समाज ने जगदगुरु के नाम पर बहुउद्देश्यीय सभागार का निर्माण भी आपसी सहयोग से करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जमीन भी चिह्नित की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए महंत कमलनयन दास ने कहा कि भारत रत्न लतामंगेशकर का हम सभी पूर्ण सम्मान करते है और उनके नाम पर चौक का निर्माण करना भी स्वागत योग्य कदम है लेकिन इसके लिए मुख्य चौराहे को छोड़कर किसी अन्यत्र चौराहे को विकसित किया जाए। रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास ने कहा कि प्रतिवेदन प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के अलावा राष्ट्रपति को भेजा जाएगा और शीघ्र प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से भेंट करेगा। रामकुंज कथामंडप के महंत डा. रामानंद दास ने कहा कि अयोध्या वैष्णव नगरी है, यहां संत-महापुरुषों के नाम पर चौराहों व सड़कों का नाम होना चाहिए। बैठक में नाका हनुमानगढ़ी महंत रामदास, खाकचौक महंत बृजमोहन दास, महंत रामभूषण दास कृपालु महाराज, महंत बलराम दास, महंत रामजी शरण, महंत छविराम दास व महंत अमित दास, महंत कमलादास रामायणी, महंत गिरीश दास, महंत अंजनी शरण, महंत मनीष दास मौजूद रहे।
अयोध्या में लता मंगेशकर स्मृति उपवन का निर्माण कार्य शुरू
केन्द्रीय योजना के अन्तर्गत सुर साम्राज्ञी व भारत रत्न लता मंगेशकर चौक का निर्माण शुरू हो गया है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने इस चौक की डिजाइन निर्धारित करने के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इस प्रतियोगिता के विजेताओं को लाखों का आकर्षक पुरस्कार भी दिया गया और विजेताओं के स्वीकृत मॉडल का समन्वय करते हुए प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री राम वी सुतार व रंजन मोहंती के निर्देशन में डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया।
लाइट व साउंड सिस्टम के साथ स्थापित होगी 40 फिट ऊंची वीणा
सरयू तट के निकट अयोध्या के मुख्य प्रवेश के चौराहे को लता स्मृति उपवन के लिए चयनित कर निर्माण शुरू करा दिया गया है। कार्यदायी संस्था को निर्माण पूरा करने के लिए 15 सितम्बर की डेडलाइन भी निर्धारित की गयी है। करीब पांच करोड़ की लागत से प्रस्तावित लता स्मृति उपवन में स्थापित होने वाला वाद्ययंत्र वीणा की डिजाइन पद्मश्री रामवी सुतार ने ही बनाया है। डिजाइनर सुतार के बेटे अनिल सुतार ने बताया कि वीणा कांस्य यानी तांबे और स्टील के मिश्रण से निर्मित की जाएगी जिसकी लंबाई 40 फिट व चौड़ाई करीब 10 फिट होगी। इसका वजन करीब साढ़े पांच टन होगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लाइटिंग और साउंड सिस्टम भी होगा। बताया गया कि स्मृति चौक पर सुश्री लता जी के जीवन और उनके व्यक्तित्व को दर्शाने वाले महत्वपूर्ण पहलू जैसे संगीत क्षेत्र में उनकी उपलब्धि, स्वर कोकिला की आवाज और उनके शालीन व्यक्तित्व को भी रेखांकित किया जाएगा। मध्य में वाग्देवी सरस्वती का प्रतीक 'वीणा' के साथ अन्य शास्त्रीय वाद्य यंत्र भी प्रदर्शित किये जाएंगे ।
स्मृति चौक पर लताजी के गाए भजन भी गूंजेंगे
स्मृति चौक पर लताजी के गाए भजन भी गूंजेंगे। स्मृति चौक की डिजाइन नोएडा के प्रसिद्ध रंजन मोहंती ने किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस स्मृति उपवन के निर्माण में रुचि ले रहे हैं और इसकी मानीटरिंग भी कर रहे हैं। नगर आयुक्त व एडीए के उपाध्यक्ष विशाल कुमार सिंह ने बताया कि स्मृति स्थल में उत्कृष्ट रचनाओं के साथ यातायात संचालन पर विशेष ध्यान दिया गया है । इसके साथ भविष्य में होने वाले मार्ग चौड़ीकरण का भी पूरा ध्यान रखा गया है । मालूम हो कि नगर निगम बोर्ड ने लता स्मृति चौक के लिए उदया चौराहा का प्रस्ताव किया था लेकिन यहां फुट ओवरब्रिज का निर्माण प्रस्तावित होने के कारण स्थान बदलकर नयाघाट बंधा तिराहा कर दिया गया जिससे विवाद खड़ा हो गया है।
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