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बिजली का तार टूटकर गिरने से अवरुद्ध रहा अप्रोच रोड बनाने का काम
मेरठ न्यूज़: हापुड़ रोड पर बनाए जा रहे कमेला पुल में कोई न कोई व्यवधान आता रहा है। इस बार जलनिगम ने पाइप लाइन बिछाने के नाम पर ऐसा पेंच फंसा दिया है, जिसके चलते जलनिकासी और पुल को खोलने में कुछ दिन का इंतजार ओर बढ़ सकता है। हालांकि लोक निर्माण विभाग की हाइवे इकाई की ओर से पुल निर्माण का अधिकांश काम पूर्ण कर लिया गया है। फिलहाल अप्रोच रोड बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। यह अलग बात है कि अप्रोच रोड बनाने के काम में भी हाइटेंशन लाइन का तार टूट जाने के कारण दिन भर गतिरोध बना रहा।
कमेला पुल के निर्माण का काम शुरू हुए 11 माह का समय गुजर चुका है। पीडब्ल्यूडी एनएच गाजियाबाद खंड के जेई तेज सिंह के अनुसार चरणबद्ध तरीके से किए गए इस पुल निर्माण के अंतर्गत दीवाली तक 80 सेमी मोटाई का करीब 64 मीटर लंबा स्लैब डालने का काम पूरा हो गया था। जिसके बाद अस्थायी और संकरे मार्ग से होकर गुजरने वाले दोपहिया वाहनों के लिए पुल का एक भाग भी कुछ दिन पूर्व खोल दिया गया। अवर अभियंता तेज सिंह ने बताया कि पुल का शेष निर्माण और पैरापिट वॉल बनाने का कार्य दिसंबर के पहले सप्ताह तक पूर्ण कर लिया गया है। वर्तमान में अप्रोच रोड बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके बनने के बाद वाहनों की आवाजाही पूरी तरह खोलने की योजना रही है। हालांकि इस बीच जलनिगम को नाले का पानी दूसरी ओर डालने के लिए जो पाइन लाइन बिछानी थी, उसमें विलंब हो रहा है। इसके लिए जलनिगम के अधिकारियों से भी वार्ता की गई है। जिन्होंने कांच का पुल की ओर वाल्व लगाकर पानी पूरी तरह रोकने के बाद पाइन लाइन बिछाने की बात कही है। जेई का कहना है कि उनके विभाग की ओर से निर्माण संबंधी कार्य एक सप्ताह में पूर्ण कर लिए जाने की उम्मीद है। इसके बाद जलनिकासी आदि का काम करने के लिए जितना भी समय लगेगा, वह जलनिगम के संबंधित ठेकेदार पर निर्भर है।
वहीं ठेकेदार नवी अग्रवाल ने बताया कि उनकी टीम ने पुल को रोड से जोड़ने के लिए अप्रोच रोड बनाने के लिए रोड़ियां बिछाने का काम शुरू कराया है। लेकिन मुख्य मार्ग के ठीक ऊपर हाइटेंशन लाइन का तार टूटकर गिर जाने के कारण अवरोध बना। जिसके लिए बिजली विभाग के अधिकारियों को सुबह ही सूचना दे दी गई थी, लेकिन शाम तक इस तार को ठीक करने के लिए कोई टीम नहीं पहुंची थी। जिसके कारण अप्रोच रोड बनाने के काम में भी व्यवधान रहा। बताते चलें कि पुल को मार्ग से जोड़ने के लिए अप्रोच रोड बनाई जाती है, जिससे होकर वाहनों को पुल पर चढ़ने और उतरने का काम किया जाता है। गौरतलब है कि पिछले 11 महीने से कमेला पुल के निर्माण का काम चल रहा है। नेशनल हाइवे पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से मेरठ हापुड़ हाइवे 334 पर जनवरी में जाकिर कॉलोनी चौकी के पास कमेला पुल के निर्माण का कार्य शुरू किया गया था।
64 मीटर लंबे इस पुल के निर्माण के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। ढवाईनगर नाले के पानी को डायवर्ट करने के लिए निर्माण इकाई ने ह्यूमपाइप लगाए। लेकिन खुदाई के दौरान नगर निगम के पम्पों की जलापूर्ति के लिए बिछाई गई लाइन सामने आ गई। जिसकी वैकल्पिक व्यवस्था कराने तक काम को रोक देना पड़ा। जल निगम ने इस काम को पूरा करने में करीब ढाई महीने का समय लगा दिया। इस बीच कभी कांवड़ यात्रा तो कभी बरसात के बीच रुक-रुककर काम होता रहा, और सितंबर माह आते-आते 64 मीटर में से करीब आधे पुल का निर्माण हो सका। वहीं ह्यूमपाइप ऊंचा करके लगाने के कारण नाले का पूरे पानी की निकासी ढवाईनगर की ओर नहीं हो सकी। जिसके चलते कांच का पुल, अहमदनगर और श्यामनगर क्षेत्र के विभिन्न मोहल्ले लगातार जलभराव की समस्या से जूझते रहे हैं।
मौजूदा स्थिति यह है कि एनएच पीडब्ल्यूडी का काम भले ही अंतिम चरण में पहुंच गया हो, लेकिन जलनिगम की टीम ने अभी तक नाले की पानी को आगे डालने के लिए पाइन लाइन बिछाने का काम पूरा नहीं किया है। जिसके चलते कई इलाकों के लोगों को अभी जलभराव की समस्या से जूझना पड़ सकता है।