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नसबंदी कराने हॉस्पिटल पहुंची महिला की इंजेक्शन लगाते ही मौत, मचा हड़कंप
गाजियाबाद (Ghaziabad) के जिला महिला अस्पताल (MMG Hospital) में एक महिला (Woman) की मौत हो गई. महिला अस्पताल में नसबंदी (Vasectomy) कराने पहुंची थीं. परिजनों ने महिला के शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया. महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा. वहीं, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि महिला को हार्ट अटैक से मौत हो गई. जबकि, मृतक महिला के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मौत हुई है.
बता दें कि बुधवार को गाजियाबाद के अर्थला न्यू हिंडन विहार के रौनक अपनी पत्नी को जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे. रौनक के अनुसार सारी कागजी कार्रवाई करने के बाद चिकित्सकों ने उनकी पत्नी को एक इंजेक्शन लगाया. इसके कुछ देर बाद ही मेरी पत्नी को ऑपरेशनन के लिए ले जाया भी गया. लेकिन, कुछ देर के बाद ही डॉक्टरों ने उन्हें बुलाया और कहा कि आपकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई है. इसके कुछ ही देर बाद मेरी पत्नी की मौत हो गई. इस घटना पर गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल के सीएमएस का कहना है कि काफी मान-मनौव्वल के बाद भी महिला के शव का पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका. इससे महिला का मौत का कारण पता चल जाता. महिला अस्पताल में नसबंदी कराने आईं थीं.'
गौरतलब है कि भारत में महिलाओं को नसबंदी से बड़ा खतरा रहता है. महिलाओं पर काम करने वाली कई संस्थाओं का कहना है कि पुरुष की तुलना में महिला को ही क्यों नसबंदी कराया जाता है? महिला पर इसके लिए किसी तरह का दबाव नहीं होना चाहिए और न तो सरकार का और न ही किसी स्वास्थ्य अधिकारी का होना चाहिए. नसबंदी के दौरान महिलाओं को एनस्थीसिया दिया जाता है. नसबंदी की प्रक्रिया में इन्फेक्शन का डर सबसे ज्यादा रहता है. इसलिए यह बेहद जरूरी है कि सभी मेडिकल औजार साफ-सुथरे होने चाहिए. लेकिन, भारत के अस्पतालों में इस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता है. नतीजा यह होता है कि महिला को इन्फेक्शन फैल जाने के बाद मौत हो जाती है. गाजियाबाद जैसी घटना भारत के दूसरे शहरों में भी देखने को मिलता है, जिसमें नसबंदी के बाद कई महिलाओं की मौत हुई है. स्वास्थ्य अधिकारी एक लक्ष्य तय कर लेते हैं और उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को शिविरों तक ले आते हैं. बाद में बदइंतजामी के कारण इस तरह के हादसे हो जाते हैं.