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प्रयागराज: अतीक अहमद के भाई अशरफ को प्रयागराज लाने का रास्ता साफ हो गया है। सीजेएम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 21 मार्च के आदेश के अनुसार अशरफ को कड़ी सुरक्षा में प्रयागराज लाने का आदेश दिया है।
इससे पहले हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अशरफ को पूरी सुरक्षा के साथ जेल से बाहर लाया जाए। सीजेएम कोर्ट ने कमिश्नर प्रयागराज से अशरफ को हाईकोर्ट के आदेश को सुनिश्चित कराने को कहा है। बरेली सेंट्रल जेल में बंद पूर्व विधायक अशरफ को आज बी वारंट पर प्रयागराज की CJM कोर्ट में पेश होना था।
इसके लिए प्रयागराज पुलिस शुक्रवार शाम को ही सेंट्रल जेल पहुंच गई थी। हालांकि मौसम के खराब होने चलते रात में नही उसे ले जाया जा सका। ये कयास लगाया जा रहा था कि शनिवार को अशरफ को प्रयागराज पुलिस बरेली जेल से प्रयागराज लाएगी। लेकिन ऐसी नहीं हो सका। अब आने वाले एक दो दिन में उसे प्रयागराज लाया जाएगा।
शनिवार सुबह बरेली सेंट्रल जेल के बाहर अशरफ की पत्नी फातिमा और अन्य रिश्तेदार महिलाएं पहुंची। असद की पत्नी ने कहा कि प्रयागराज पुलिस अशरफ को आज कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही है। हमें आशंका है कि कहीं अनहोनी ना हो जाए, और पुलिस कुछ साजिश रच सकती है।अशरफ के वकील विजय मिश्रा ने बताया कि न्यायालय का आदेश है कि बंदी वाहन में सुरक्षित और पुलिस अपनी जिम्मेदारी के साथ प्रयागराज कोर्ट में पेश करे। परिवार का कहना है कि पुलिस साजिश कर एनकाउंटर कर सकती है।
उधर, पुलिस ने माफिया अतीक अहमद से जीशान उर्फ जानू पर जानलेवा हमले के मामले में पूछताछ के लिए रिमांड मांगी थी। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। अब पुलिस अहमदाबाद में जाकर अतीक से पूछताछ करेगी।यह फोटो बरेली सेंट्रल जेल पहुंची अशरफ की बहन और असद की पत्नी- रिश्तेदारों की है।
प्रयागराज पुलिस ने जीशान उर्फ जानू पर जानलेवा हमले और उसके घर को जेसीबी से तोड़ने व पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में पुलिस अतीक अहमद से पूछताछ करेगी। इसके लिए रिमांड कोर्ट ने मंजूर की है। मामले में दो आरोपियों को छोड़कर बाकी सभी पर चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। अतीक और उसके गुर्गे असद के खिलाफ पुलिस अब चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। असद फरार है। जबकि अतीक अहमदाबाद जेल में बंद है। जीशान अतीक के साढ़ू इमरान जई का छोटा भाई है।
31 दिसंबर 2021 को जीशान एनीदुदीनपुर कार्यालय में बैठा था। दोपहर में अतीक का बेटा अली, असद, आरिर्फ कछौली, इमरान गुड्डू, सैफ मामा, अमान, कल्लू अतीक अहमद और अली अब्बा समेत कई ने जीशान पर हमला कर दिया। बुलडोजर से उसका कार्यालय गिरा दिया। अली ने जीशान की कनपटी पर बंदूक सटा दी। इस दौरान कहा कि अब्बा से बात करो। उधर से अतीक ने जीशान से पांच करोड़ की रंगदारी मांगी। कहा पांच करोड़ दो नहीं तो तुम्हारे साथ परिवार को भी मार देंगे। इसके बाद जीशान ने करेली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
24 फरवरी को दिनदहाड़े हुए उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ भी नामजद आरोपी है। उस पर जेल से शूटरों के संपर्क में रहने और साजिश का आरोपी है। इसी सिलसिले में प्रयागराज पुलिस ने कोर्ट से उसका बी वारंट लिया है। प्रयागराज से पुलिस की टीम बरेली जिला जेल (केंद्रीय जेल-2) पहुंचकर जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला से मुलाकात कर अशरफ को प्रयागराज ले जाने की बात कही है। पहले शुक्रवार की शाम को ही निकलने की प्लानिंग थी।
अशरफ की कस्टडी रिमांड मिलने के बाद पुलिस उससे पूछताछ करेगी। पुलिस उसके साले की लोकेशन के बारे में भी बात कर सकती है। इसके अलावा उमेश पाल मर्डर केस में भी उससे पूछताछ होगी। अभी तक अशरफ का साला सद्दाम फरार है। बरेली के बिथरी थाने में दर्ज रिपोर्ट में भी नामजद है। सद्दाम की तलाश में SIT के साथ ही बरेली STF, लखनऊ व प्रयागराज पुलिस की टीमें लगी हैं। सद्दाम की गिरफ्तारी के बाद अतीक परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
उमेश पाल की हत्या के बाद से अतीक अहमद का नाम एक बार फिर चर्चा में है। परिवार दर बदर है, तो अतीक अहमदाबाद की जेल में बेचैन है, क्योंकि यूपी पुलिस उससे पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। अतीक के जुर्म की एक लंबी दास्तान है, जो शुरू तो होती है प्रयागराज से, लेकिन मशहूर पूरे देश में है। अतीक पर 1979 में हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद उसने अपनी गैंग बनाई, जिसे IS- 227 नाम दिया। आज इस गैंग के 34 शूटर नामजद हैं।