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बागपत रोड का रेलवे रोड से लिंक मार्ग के एनओसी का इंतज़ार आखिर तीन दशक बाद होगा खत्म
मेरठ: तीन दशक का लंबा इंतजहार आखिर खत्म होता दिखाई दे रहा हैं। हम बात कर रहे हैं बागपत रोड का रेलवे रोड से लिंक मार्ग के एनओसी का। केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय ने अपनी जमीन पर लिंक मार्ग निकालने के लिए एनओसी मिल गई हैं। यह शहर के विकास की दृष्टि से देखे तो बड़ी उपलब्धि रहेगी। क्योंकि लंबे समय से यहां के बच्चे और बड़े, इस मुद्दे को लेकर आंदोलित थे। प्रत्येक रविवार को यहां की जनता जनप्रतिनिधियों के आवास पर पहुंचकर प्रदर्शन भी कर रही थी। जैसे ही जनता को पता चला कि केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय ने बागपत रोड का रेलवे रोड से लिंक मार्ग सेना की जमीन से निकालने की एनओसी दे दी, इसके बाद तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जनता इसके लिए बधाई देने के लिए राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी के न्यू मोहनपुरी स्थित आवास पर पहुंच गए। यह बड़ी उपलब्धि रहेगी। क्योंकि बागपत रोड के लोग अब तक घूमकर ही स्टेशन पर जाते थे। इस मार्ग के बनने से बागपत रोड की जनता को बड़ी राहत मिलेगी। लंबे समय से बागपत रोड की जनता ये मांग करती आ रही थी कि बागपत रोड का रेलवे रोड से लिंक किया जाए। इसके लिए सैन्य क्षेत्र की जमीन से होकर सड़क मार्ग बनाया जाए, लेकिन ये पूरा मामला सैना की जमीन से जुड़ा था, इसलिए रक्षा मंत्रालय में जाकर फाइल अटक जाती थी। राज्सभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने जनता की इस मांग को वरीयता के आधार पर लिया तथा जिला स्तर के अफसरों से लेकर केन्द्रीय रक्षामंत्री तक इसकी परोकारी की, जिसका सुखद नतीजा आपके सामने हैं। रेलवे रोड टू टीपीनगर वाया आर्मी एरिया इन रिंग रोड या कहें बाइपास को लेकर मेरठवासी दशकों से एडियां रगड़ रहे थे। प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजेपयी ने मामले में हाथ डाला तो काम बनने में देरी नहीं लगी।
रेलवे रोड से टीपीनगर बागपत रोड जाने के लिए एक बड़ी आबादी दशकों से आंदोलन कर रही थी। तमाम जनप्रतिनिधियों के घरों पर प्रदर्शन किये जा रहे थे, लेकिन निराश के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ। विधानसभा चुनाव से पहले भी इसको लेकर आंदोलन किया गया। आखिर में लोग डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी से मिलने पहुंचे तो अगले ही दिन इस मामले की जो फाइल एमडीए में अटकी हुई थी, वहां पर अधिकारियों से डा. लक्ष्मीकांत भिड गए, जिसके बाद आनन-फानन में फाइल तैयार की गई। इसके बाद ही फाइल आगे बढ़ी। फिर क्या था फाइल दौड़ने लगी। दौड़ी भी ऐसी की प्रपोजल सीधे रक्षा मंत्रालय पहुंच गया। रक्षा मंत्रालय प्रजोजल पहुंचा तो वहां भी राज्यसभा सांसद डा. वाजपेयी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में, रिंग रोड के प्रस्ताव को पास कराकर ही दम लिया। हालांकि इसके लिए रक्षा मंत्रालय के टॉप आफिशल से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक उन्हें दौड़ लगानी पड़ी। वैसे यह भी उल्लेख करना जरूरी है कि मेरठ भाजपाइयों में यदि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से कोई आग्रहपूर्ण तरीके से काम कर सकता है तो वो डा. लक्ष्मीकांत ही हैं। दोनों के करीबी रिश्ते हैं, जो किसी से छिपे नहीं हैं। रेलवे रोड से टीपीनगर बागपत रोड के लिए सिटी स्टेशन से सटे आर्मी एरिया के बीच से रास्ता है, इसकी एनओसी से बडा कोई दूसरा सबूत नहीं हो सकता। मेरठ के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि भरी खबर हैं।
तीन दशक पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। सेना की एनओसी मेरठ के सैन्य अफसरों के अलावा स्टेशन सब एरिया हैड क्वार्टर, डीईओ कैंट व सीईओ कैंट बोर्ड के यहां पहुंच गयी हैं। इस काम की तमाम अड़चने दूर हो गयी हैं। अब जल्द ही सड़क निर्माण का कार्य मूर्त रूप लेते हुए दिखाई देगा। कौन सी एजेंसी इस सड़क का निर्माण करेगी, यह जिला स्तर पर आला अफसरों को तय करना हैं। इसे एमडीए तैयार करेगा या फिर नगर निगम। इसमें किसी तरह की अडचन पैदा नहीं होनी चाहिए, ताकि इस लिंक मार्ग को जल्द तैयार किया जाए।