उत्तर प्रदेश

संजीव जीवा की हत्या पर पीड़ित व्यापारी ने जताया संतोष, कहा- अवैध तरीके से कब्जा कर रखी है प्रॉपर्टी

mukeshwari
8 Jun 2023 6:21 PM GMT
संजीव जीवा की हत्या पर पीड़ित व्यापारी ने जताया संतोष, कहा- अवैध तरीके से कब्जा कर रखी है प्रॉपर्टी
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मुजफ्फरनगर। एक और दो कुख्यात अपराधी संजीव जीवा की हत्या से परिजनों में रोष है तो वही मुजफ्फरनगर सहित पश्चिम उत्तर प्रदेश के पीड़ित व्यापारियों में जीवा की हत्या से कहीं ना कहीं संतोष नजर आता है। मुजफ्फरनगर के पीड़ित व्यापारी मनीष गुप्ता बताते हैं कि वीडियो कॉल पर बात करते हुए डॉक्टर संजीव माहेश्वरी ने 25 लाख रु की फिरौती मांगी थी। उन्होंने बताया कि उसके बाद 16 महीने तक शहर से बाहर रहा हूं इस बीच संजीव जीवा गैंग के गुर्गों ने मेरी करोड़ों रुपए की संपत्ति और लाखों रुपए की नकदी कब्ज़ा ली है।

थाना नई मंडी क्षेत्र निवासी पीड़ित व्यापारी मनीष गुप्ता ने कुख्यात बदमाश संजीव जीवा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि संजीव जीवा के गुर्गों ने मुझसे रंगदारी मांग रखी थी एवं मेरी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर रखा था और मेरी नवीन मंडी मंडी स्थल में बलदेव शाह ईश्वरचंद 19B नंबर की दुकान है जिस पर उन्होंने अभी कब्जा किया हुआ है इसके साथ ही एक 153 गज का कुकड़ा में प्लॉट है वह अमित माहेश्वरी व उसकी पत्नी अनुराधा महेश्वरी ने जबरन मुझे मारने की धमकी देकर अपने नाम कराया हुआ है। एवं उसमें कोई लेन-देन नहीं हुआ है साथ ही एक दूध डेयरी प्लांट है जो मैंने सुनील गोयल से खरीदा था तो सुनील गोयल, परवीन मित्तल पीटर व सचिन अग्रवाल इन सभी ने मिलकर उसको मेरे f.i.r. करने के 1 महीने बाद में पैसा लेकर किसी बॉम्बे वाली पार्टी को बैनामा कर दिया है, मैंने उसका पूरा भुगतान किया हुआ है एवं उसका बैनामा किसी और को कर दिया है।

यह सब दबंगई में प्रशासन को नीचा दिखाते हुए कब्जा किया हुआ है, एक मेरी गाड़ी है उस पर कब्जा किया हुआ है, एक मेरा स्कूटर है उस पर भी कब्जा किया हुआ है। और बहुत सारे पैसे नगद व अपने खातों में मुझसे रंगदारी के तौर पर लिए हुए है, मुझको टारगेट बनाने में दो लोगों का मुख्य हाथ है। एक तो अमित गोयल है व जो मुजफ्फरनगर की सबसे बड़ी गुड मंडी है उसमें रुपए पैसे वाले लोगों से, व्यापारियों से व आरटीओ से सम्पर्क रखता है और मैं जितना जानता हूं उन लोगों का संजीव जीवा को महीना किस से कितना दिलवाना है उस काम को अमित गोयल और सचिन अग्रवाल जो प्रॉपर्टीया काफी समय से बेकार पड़ी हो एवं जिन पर कोई हलचल ना हो उन प्रॉपर्टीओं का लेखा-जोखा सचिन अग्रवाल संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को पहुंचाता था, उसमें संजीव माहेश्वरी है एवं उनकी पत्नी पायल माहेश्वरी है जो रालोद की प्रत्याशी भी रही है चुनाव लड़ी है और सचिन अग्रवाल है जो काफी समय से समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं और शुभम बंसल है वह भी रालोद से जुड़े हुए हैं। एवं अभी पिछले दिनों उन्होंने शायद इससे बचने के लिए ही ज्वाइन की थी और प्रवीण मित्तल पीटर है जिनके लड़के और शुभम बंसल के नाम मेरी दुकान जबरन कब्जा की हुई है साथ ही अमित गोयल बोना है बस यह लोग हैं, जीवा के परिवार से संजीव जीवा है एवं उसकी पत्नी है एवं उनका भांजा है अमित माहेश्वरी और उनकी पत्नी अनुराधा माहेश्वरी है जिसमें अनुराधा माहेश्वरी व पायल माहेश्वरी और अमित गोयल यह तीनों फरार है, पायल माहेश्वरी फरार है।

उन्होंने गिरफ्तारी पर कोर्ट मे स्टे की अर्जी लगाई थी लेकिन वह निरस्त हो गई है और इस समय वह पुलिस प्रशासन की नजर में फरार है, पीड़ित व्यापारी मनीष गुप्ता ने गत 21 मई 2022 को मुकदमा दर्ज कराया था एवं गैंगस्टर में शायद 24 या 25 अप्रैल को गैंगस्टर एक्ट में पुलिस ने इन्ही 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था, संजीव जीवा की हत्या हुई है यह हुआ तो ठीक ही है लेकिन गलत तरीके से हुआ एवं गैरकानूनी तरीके से हुआ है लेकिन 16 साल से वह कानून की निगरानी में वह जेल में रहकर वह अपना गेंग बड़ी अच्छी तरीके से चला रहा था एवं अभी जो मेरे संपर्क में आए कुछ लोगों ने मुझे बताया कि 250 से 300 शूटर्स वेस्ट उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में ऑटोमेटिक हथियारों के साथ में और हजारों गोलियां व साथ रखते हैं साथ ही जहां पर भी जो काम होता है वह सूटर अंजाम देते हैं और वह किसी को पता नहीं चलता यह ही इनका व्यवसाय है रंगदारी एवं कब्जा करने का है।

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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।

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