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उत्तर प्रदेश
पुलिस के शिकंजे में फंस ही गया शातिर रॉकी यादव, नहीं काम आया पुलिस विभाग में कार्यरत पिता का रसूख
Shantanu Roy
4 Jan 2023 6:43 PM GMT

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बड़ी खबर
कानपुर। टेनरी विवाद मामले में फरार चल रहे रॉकी यादव को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। इसके खिलाफ दस आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। बुधवार को उसे न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेजा गया। पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने बताया कि आरोपित रॉकी यादव भाजपा से जुड़े रहे नेता नारायण सिंह भदौरिया का बेहद करीबी है। इसके खिलाफ बलवा, मारपीट, रंगदारी, धोखाधड़ी, सरकारी काम में बाधा, हत्या, छेड़खानी, कब्जा, सेवन सीएलए जैसी गम्भीर धाराओं में उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। इसके साथ ही जाजमऊ के शालीमार टेनरी पर कब्जे को लेकर शहनाज व उसके भतीजे आमिर का विवाद था। 13 जुलाई की रात शहनाज की तरफ से पूर्व भाजपा नेता नारायण सिंह भदौरिया व उसके गुर्गों ने टेनरी पर कब्जे का प्रयास किया था। आमिर व उनके साथियों के पहुंचने पर दोनों पक्षों में बवाल हुआ था। मामले में नारायण सिंह भी जेल भेजा गया था। नारायण के करीबी रॉकी यादव की पहचान कर पुलिस ने उसे भी आरोपित बनाया था।
टेनरी कब्जा प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। अतिशीघ्र जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल की जाएगी। टेनरी विवाद के बाद से रॉकी यादव शहर में ही खुलेआम घूम रहा था। पुलिस अधिकारियों को जानकारी थी, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की गई। सूत्रों के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी बिचौलिए के जरिये रॉकी के संपर्क में थे। पिछले एक सप्ताह से उसकी खोजबीन शुरू हुई। भनक लगते ही वह शहर से फरार हो गया। हालांकि मुखबिर की सूचना पर अब क्राइम ब्रांच ने उसे पकड़ा है। रॉकी यादव पर कई गंभीर केस दर्ज हैं। लगभग दो वर्ष पूर्व पहले रॉकी हिस्ट्रीशीटर को मनोज सिंह को फरार कराने में पूरा सहयोग किया था। नारायण भी उस वारदात में शामिल था। हालांकि तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ने उसके परिवार से सरकारी आवास भी खाली करवाया था। रॉकी के शहर के कई वकील बहुत करीबी हैं। यह गिरोह बनाकर जमीनों पर अवैध कब्जे करने का गिरोह संचालित करता था। लेकिन पुलिस परिवार का सदस्य होने की वजह से उसकी विभाग में अच्छी साठगांठ है। इस लिए वह अबतक पुलिस की पकड़ से दूर रहा।
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