उत्तर प्रदेश

उलेमाओं ने गृह मंत्रालय को भेजा पत्र, गुप्त मॉनिटिरिंग की मांग रखी

Admin Delhi 1
28 Oct 2022 7:46 AM GMT
उलेमाओं ने गृह मंत्रालय को भेजा पत्र, गुप्त मॉनिटिरिंग की मांग रखी
x

मेरठ: उलेमाओं के एक संगठन ने गुरुवार को गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजकर इस बात की आशंका जताई कि पीएफआई जैसे संगठन प्रतिबंधित होने के बावजूद गुपचुप नए नाम से नया संगठन खड़ा कर सकते हैं। इसलिए पीएफआई से जुड़ी हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत है। आल इण्डिया मुस्लिम जमात के पदाधिकारियों ने यह पत्र केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम भेजा है। पत्र में उलेमाओं ने इस संगठन को एक कट्टरपंथी विचार धारा वाला संगठन बताया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन ने बताया कि पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट आॅफ इण्डिया) पर सरकार ने 27 सितम्बर को प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने कहा कि भारत के सुन्नी सूफी बरेलवी मुसलमानों ने सरकार के इस कदम का उसी दिन स्वागत कर दिया था। उलेमाओं के इस संगठन ने अब केन्द्र सरकार से मांग की है कि उन्हें इस बात की आशंका है कि कहीं इस संगठन से जुड़े लोग फिर से नए नाम से कोई नया संगठन न खड़ा कर लें। उलेमाओं का कहना है कि भारत सरकार ने 6 अगस्त 2008 को इस्लामिक स्टूडेंट मूमेंट (सिमी) पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन इस संगठन से जुड़े कुछ अन्य लोगों ने फिर पीएफआई नाम से नया संगठन खड़ा कर लिया था।

उलेमाओं ने पत्र में इस बात की तस्दीक की है कि सिमी जैसा संगठन मुस्लिम नौजवानों में कट्टरपंथी विचारधारा को विकसित कर रहा था और बाद में यही काम फिर पीएफआई के लोगों ने किया। उलेमाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि सिमी के बाद पीएफआई 10 सालों में परवान चढ़ गया लेकिन सरकार को कानों कान खबर तक नहीं लगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान पीएफआई ने कई शहरों में न सिर्फ अपना संगठन खड़ा कर लिया बल्कि प्रेस में अपना लिट्रेचर छपवाकर लोखों की तादात में इसकी प्रतियां बांटी जा चुकी हैं। पत्र में गृह मंत्रालय से मांग की गई है कि वो अब पीएफआई की गतिविधियों की गुप्त मॉनिटिरिंग करे ताकि इस विचारधारा को फिर से पनपने से रोका जा सके।

वोट नहीं बनाने पर जान से मारने की धमकी: किठौर: निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच किठौर में वोटों में फर्जीवाड़ों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पखवाड़े भर पूर्व यहां हुई मीटिंग में दो संभावित प्रत्याशियों के एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोपों के बाद अब बीएलओ पर बाहरी व्यक्ति द्वारा वोट बनाने का दबाव डालने, इंकार पर बीएलओ के साथ अभद्रता और भुगत लेने की धमकी देने की बात संज्ञान में आई है। पीड़िता ने थाने में तहरीर दी है। प्रकरण का वीडियो भी वायरल हो चुका है। पीड़िता रेखा ने एक सप्ताह पूर्व दी तहरीर में बताया कि वह किठौर के प्राथमिक विद्यालय-1 में शिक्षिका है। निकाय चुनाव में उसकी ड्यूटी बतौर बीएलओ लगी हुई है। बताया कि 15 अक्टूबर को उसके पास अली मुर्तजा नाम के व्यक्ति ने फोनकर वार्ड-आठ में अपनी वोट बनवाने के कहा। शिक्षिका ने क्लास में व्यस्तता का हवाला देते हुए अली मुर्तजा को स्कूल में पहुंचने को कह दिया। बताया कि कुछ देर बाद मुर्तजा ने पुन: फोनकर खुद को किठौर का दामाद बताते हुए अपने ससुर की जगह अपनी वोट बनवाने की इच्छा जताई। जिसके बाद अली मुर्तजा को स्कूल में बुलाकर जांच-पड़ताल की तो उसकी वोट ललियाना में बनी पाई गई। स्थिति देख चुनाव आयोग की गाइड लाइन का हवाला देते हुए शिक्षिका ने वोट बनाने से इंकार कर दिया। आरोप है कि इस पर आरोपी बिफरा और उसने शिक्षिका पर वोट बनाने का न सिर्फ दबाव बनाया बल्कि उसके साथ अभद्रता कर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी। हैरत कि किठौर पुलिस मामले को सप्ताह भर से दबाए बैठी है। इंस्पेक्टर अरविंद मोहन शर्मा का कहना है कि मामला संज्ञान में है। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

Next Story