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उत्तरप्रदेश: यदि सबकुछ ठीक रहा तो उत्तर प्रदेश का नोएडा देश की पहली ऐसी जगह होगी जहां पर कोई भिखारी नजर नहीं आएगा. ट्रैफिक सिग्नलों पर भीख मांगने, निर्माण साइटों पर कार्यरत श्रमिकों के बच्चों और स्लम एरिया में रहने वालों को शिक्षा, भोजन के अलावा अन्य सुविधाएं देने के लिए अथॉरिटी ने नई योजना बनाई है. अथॉरिटी के CEO लोकेश एम ने फील्ड में काम करने वाले एनजीओ के साथ बैठक में इस प्लान पर विस्तार से चर्चा की. इसमें नोएडा अथॉरिटी के एसीईओ प्रभाष कुमार, डीजीएम एसपी सिंह, परियोजना अभियंता जन स्वास्थ्य विजय रावल के अलावा 9 से अधिक एनजीओ ने हिस्सा लिया.
CEO लोकेश एम. ने एनजीओ के प्रतिनिधियों को कहा कि वे विभिन्न चौराहों और बाजारों में भीख मांगने वाले बच्चों का सर्वे कर उनकी संख्या और डिटेल्स एकत्रित करें, ताकि क्षेत्रवार उनकी शिक्षा और अन्य सुविधाओं के संबंध में स्थान का चयन कर व्यवस्था की जा सके. वहीं निर्माण साइटों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों का डाटा एकत्रित करने को कहा गया है. उन बच्चों को बेसिक शिक्षा अधिकारी के जरिए शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
क्या माफिया चला रहे हैं भीख मंगवाने का नेटवर्क?
बैठक में कहा गया कि बाजार और चौराहों पर भीख मंगवाने का काम माफियाओं द्वारा संचालित किया जाता है. इसके लिए पुलिस के सहयोग से भीख मंगवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भीख मांगने की प्रवृति पर रोक लग सके.
बारात घर में गरीब बच्चों को लाइब्रेरी की डिमांड
इस मौके पर पूर्व प्रधान निठारी की ओर से निठारी बारात घर में एनजीओ की ओर से संचालित गरीब बच्चों के केंद्र में इंडोर स्पोर्ट एक्टिविटी, प्लांटिंग और लाइब्रेरी की डिमांड की गई. इस पर सीईओ ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उपलब्ध कराने को कहा है.
Manish Sahu
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