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बिजली अभियंताओं एवं कर्मचारियों की बर्खास्तगी व निलंबन के मामले में अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष आशीष गोयल को भेजे गए पत्र में इन बिंदुओं पर चुप्पी साध ली है, जबकि अन्य मामलों का निस्तारण करने का निर्देश दिया है। इस आदेश के जारी होने के बाद विद्युत वितरण निगमों में हड़कंप मचा है। इस पत्र ने अभियंताओं व कर्मचारियों की बहाली के मामले में पेंच फंसा दिया है।
पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष पद से 27 जुलाई को एम देवराज को हटाकर आशीष गोयल को जिम्मेदारी दी गई। इसी दिन अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष को पत्र भेजा। इसमें राज्य विद्युत अभियंता संघ के पत्र का हवाला दिया है। संघ ने 10 सूत्री ज्ञापन में 19 मार्च 2023 को ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में लिए गए फैसले का हवाला देते हुए समझौते के तहत निलंबित व बर्खास्त अभियंताओं व अन्य कर्मियों को बहाल करने की मांग की है। उनकी पुराने स्थल पर ही तैनाती की भी मांग है।
लेकिन, अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में इन मुद्दों पर चुप्पी साध ली। अन्य मामलों का निस्तारण करने और वस्तुस्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया है। इस पत्र की जानकारी मिलते ही विद्युत वितरण निगमों में हड़कंप मच गया है। वजह, अभियंताओं एवं कर्मियों को यह उम्मीद थी कि पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष बदलते ही उनकी बहाली का रास्ता साफ हो जाएगा। अब अपर मुख्य सचिव के पत्र से पेंच फंसता नजर आ रहा है।
क्या था मामला
प्रदेश में बिजली अभियंताओं एवं कर्मियों ने 16 मार्च की रात से हड़ताल शुरू कर दी थी। इस दौरान 18 व 19 मार्च को बड़ी संख्या में अभियंताओं का निलंबन किया गया। करीब डेढ़ हजार संविदा कर्मियों की बर्खास्तगी की गई। 19 मार्च को ऊर्जा मंत्री और अभियंता संघ के बीच समझौता हुआ। ऊर्जा मंत्री ने मीडिया के सामने सभी कार्रवाई वापस लेने का एलान किया। लेकिन पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष एम देवराज ने मामला हाई कोर्ट में होने की बात कहते हुए अभियंताओं की बहाली से इनकार कर दिया। इस बीच हाईकोर्ट ने 18 अभियंताओं का वेतन रोकने का आदेश दे दिया। इसी बात को लेकर कारपोरेशन अध्यक्ष एवं अभियंता संघ के बीच रस्साकशी चलती रही।
एसीएस ने इन मामलों में दिए निर्देश
अपर मुख्य सचिव ने कारपोरेशन अध्यक्ष को भेजे पत्र में अभियंताओं से जुड़े मामलो को छोड़ दिया। उन्होंने कैशलेस मेडिकल की सुविधा देने, प्रोत्साहन भत्ता देने, आठ माह से लंबित सहायक अभियंताओंके साक्षात्कार शीध्र कराने के मामल में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। इसी तरह छोटे- छोटे प्रकरणों पर बड़ी दडांत्मक कार्रवाई न करने, डिस्काम स्तर पर ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने के मामले में प्रशिक्षण कार्यक्रम कराने पर विचार कर निर्णय लेने के लिए कहा है।