- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- संविदा चौकीदार को बाघ...
संविदा चौकीदार को बाघ ने बनाया निवाला, अधखाया शव 600 मीटर दूरी पर मिला
दक्षिण खीरी वन प्रभाग के गोला वन रेंज क्षेत्र के जमुनाबाद फार्म के ब्लाक नंबर तीन में बाघ ने संविदा चौकीदार पर हमला कर उसे अपना निवाला बना लिया, जिसका अधखाया शव झाड़ियों के अंदर मिला है। मौके पर पहुंचे पुलिस और वनकर्मियों ने पगचिन्ह देखकर बाघ के हमले की पुष्टि की है।
थाना हैदराबाद क्षेत्र के गांव नरायनपुर निवासी मृतक के भाई शिवकुमार वर्मा ने बताया कि वह जमुनाबाद सरकारी फार्म में ब्लाक इंचार्ज पद पर नौकरी करते हैं। साथ में उनके बड़े भाई यदुनाथ वर्मा भी दैनिक कार्य करते थे और कभी कभार रात में भी यही रुकते थे। सोमवार की शाम भी वह ब्लाक में ही रुके थे।
सुबह पांच बजे उनका 35 वर्षीय भाई यदुनाथ वर्मा शौच के लिए गया था। वापस न लौटने पर रात की ड्यूटी करने वाले श्रमिकों ने काफी तलाश की। जब यदुनाथ का कही पता नही चला तब जिधर यदुनाथ शौच करने गया था उधर जाकर देखा, जहां यदुनाथ की चप्पलें और पानी का डिब्बा पड़ा मिला। पास में ही खेत की पौध टूटी और घसीटने के निशान मिलने पर श्रमिकों को शंका हुई, जिन्होंने ब्लाक इंचार्ज शिव कुमार वर्मा को आकर बताया।
फार्म के श्रमिकों के बताए गए रास्ते पर तलाश करते हुए जंगल झाड़ियों से करीब 600 सौ मीटर दूर कटीले अइला के घने झाड़ियों में यदुनाथ का अधखाया शव पड़ा मिला। शिवकुमार वर्मा ने कोतवाली पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। सूचना पर गोला कोतवाली निरीक्षक डीपी शुक्ला, सीओ राजेश कुमार, महेशपुर रेंज के वन दरोगा आरएन वर्मा, गोला रेंज के वन दरोगा जयराम, विकास सिंह ने मौके पर पहुंचकर रास्ते में बने पगचिन्हों को देखकर बाघ के हमले की पुष्टि की है।
अधिकारियों ने परिजनों को मुआवजे और आर्थिक सहायता का आश्वासन देते हुए ढांढस बंधाया। पुलिस ने शव सीलकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है। जमुनाबाद फार्म मैनेजर संजीव कुमार, ब्लाक इंचार्ज सुमित कनौजिया ने वन विभाग से जल्द ही बाघ पकड़वाने की मांग की है।
वन अधिकारी मुस्तैद होते तो नहीं जाती यदुनाथ की जान
मृतक के छोटे भाई ब्लाक इंचार्ज शिवकुमार वर्मा का कहना है कि फार्म में अक्सर बाघ टहलते हुए देखा गया है, जिसकी कई बार गोला रेंज के अधिकारियों को लिखित सूचना दी गई, फिर भी कोई भी अधिकारी फार्म तक देखने नहीं आया। फोन पर बात करने से वनकर्मी फार्म में बाघ होने को मानने पर तैयार ही नहीं थे। उनका कहना है कि वन विभाग चाहता तो, आज उनका भाई जिंदा होता।
घटनास्थल पर काफी भीड़ होने के कारण पगचिन्ह मिट गए हैं, जिससे स्पष्ट पहचान नहीं हो पाई है। लाश को देखकर टाइगर द्वारा हमला किया लगता है। सुरक्षा की दृष्टि से चार कैमरे और वन विभाग की टीम को लगा दिया गया है
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar