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कानपूर: कस्टडी रिमांड में ठग ने जिस आईपीएस का बार-बार नाम लिया था, उसी के नाम पर जारी सिम भी ठगी में इस्तेमाल कर रहा था. पुलिस की तफ्तीश में इस खुलासे के बाद हड़कंप मचा है. पीएमओ अफसर बनकर ठगी करने वाला संतोष उर्फ अभिषेक प्रताप सिंह उर्फ एपी सर अभी तमाम राज छिपाए हो सकता है. पुलिस एक बार फिर उसकी रिमांड मांगने की तैयारी में है.
सूत्रों के मुताबिक पिछली कस्टडी रिमांड में उसने लखनऊ में यातायात विभाग में तैनात एक प्रमोटी आईपीएस से अपनी नजदीकियां कबूल की थीं. अब जांच में उसी अफसर की आईडी पर जारी सिम कार्ड का इस्तेमाल ठग द्वारा पाया गया है. यह वीवीआईपी नम्बर है. अपने आठ नंबरों में से इसी का प्रयोग वह सबसे ज्यादा करता था. उसने लोगों और ग्रुपों पर यही नम्बर सेव करा रखा था. इससे पहले उसने अपने गुर्गों को यह नम्बर एपी सर नाम से सेवा कराया ताकि ट्रू कॉलर में लोगों को यही नाम दिखाई दे.
इस खुलासे के साथ ही पुलिस असमंजस में पड़ गई है. आईपीएस अधिकारी को बयान के लिए बुलाने के लिए शासन तक से अनुमति लेनी होगी. उच्चाधिकारी इस पर मंथन कर रहे हैं.
शासन को इसकी सूचना भेजी जा रही है. सूत्रों का कहना है कि एक अन्य संभावना भी है. उक्त अफसर को वादी बना कर ठग पर एक रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है. वहीं विला से लाल बैग में सुबूत ले जाने वाले प्रदीप का अब तक पता नहीं चल सका है. सीडीआर में मिले नंबरों की डिटेल निकलवाई जा रही है. वहीं संतोष की मंगेतर बयान देने नहीं आई. पिता ने उसके बीमार होनी की बात पुलिस से कही है.