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लखनऊ। राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में रहने वाली एक शिक्षिका ने फांसी लगाकर जान दे दी। शिक्षिका हरदोई जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात थी। जानकारी के मुताबिक शिक्षिक मकान के लिए बैंक से 42 लाख का लोन ले रखी थी। लोन अदा न कर पाने के चलते शिक्षिक ने आत्मघाती कदम उठाया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शिक्षिका का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। शिक्षिका के शव के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस के अनुसार मामले में विभिन्न पहलुओं की जांच की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक राजधानी के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में स्थित सिवांता रेजीडेंसी के रहने वाले हिमांशु शुक्ला ने बताया कि उनकी पत्नी गौरांगनी (शिक्षिका) से 10 साल पहले प्रेम विवाह हुआ था। गौरांगनी इस वक्त हरदोई के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका के पद पर तैनात थीं। वह रोजाना लखनऊ से हरदोई आया जाया करती थी। सुबह देर से उठने पर देखा कि गौरांगनी ने अपनी जान दे दी है।
हिमांशु के अनुसार पत्नी ने मकान के लिए बैंक से 42 लाख का लोन लिया था। जिसकी किस्त 35 हजार प्रतिमाह थी जो लगातार देती आ रही थी, लेकिन कुछ मजबूरियों के चलते किस्तों में देरी हो रही थी। इसको लेकर कई बार बैंककर्मियों के सामने अपनी मजबूरी बताई, लेकिन बैंक की तरफ से लगातार उस पर किस्त भरने का दबाव बनाया जा रहा थी। इस वजह से वह इन दिनों काफी तनाव में रहने लगा थी। इसी के चलते गौरांगनी ने यह कदम उठाया है। हिमांशु ने बताया वह खुद बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम करता है उसका एक सात साल का बेटा भी है।
थाना प्रभारी ठाकुरगंज विकास राय ने बताया कि सूचना पर पहुंची पुलिस ने गौरांगनी के शव को पीएम के लिए भेज दिया था। शव के पास कोई भी सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। प्रथमदृष्ट्या जांच में सामने आया है कि शिक्षिका ने मकान के लिए बैंक से लोन ले रखा था। जिसकी किस्तें चुकाने में इन दिनों कोई परेशानी थी। उसके पति हिमांशु के अनुसार इसी के चलते वह इन दिनों काफी परेशान रहती थी। गौरांगनी हरदोई के एक प्राथमिक विधालय में शिक्षिका थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Admin4
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