उत्तर प्रदेश

सौतेली मां को नहीं हुई संतान तो तांत्रिक की सलाह पर मासूम बच्चे की दे दी बलि

Admin4
14 Jun 2023 2:07 PM GMT
सौतेली मां को नहीं हुई संतान तो तांत्रिक की सलाह पर मासूम बच्चे की दे दी बलि
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अमेठी। थाना क्षेत्र जामो के एक गांव में दो दिन पहले रिस्ते को कलंकित करते हुए सौतेली मां ने तंत्र-मंत्र पर भरोसा करते हुए अपने मां, बाप के साथ मिलकर तांत्रिक के कहने पर मासूम की बलि चढ़ा दी। पुलिस ने मामले की तहकीकात करते हुए सौतेली मां, उसके माता पिता व तांत्रिक को आला कत्ल के साथ तंत्र-मंत्र में लगने वाली सामग्री के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
जितेंद्र प्रजापति ने 12 जून की रात करीब तीन बजे डायल 112 पुलिस को सूचना दी थी कि उसका बेटा गोपी उर्फ सत्येंद्र (4) अचानक गायब हो गया है। फिर सुबह पता चला कि उसकी लाश दान बहादुर पुत्र राम लखन के तालाब के किनारे पड़ा है। मासूम की जिस तरह से बलि दी गई थी। उससे देखने वालों की रूह कांप उठी थी। पुलिस ने जितेंद्र से मिली तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध हत्या का केस दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी थी। बुधवार को जामों पुलिस में चार लोगों को हिरासत में लेकर सच उगलवा कर जेल भेज दिया है। हत्या में शामिल मंगरु व उसकी पत्नी प्रेमा देवी ने बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व ऊनी बेटी रेनू का दूसरा विवाह जामों क्षेत्र के रेशी गांव के रहने वाले जितेंद्र प्रजापति के साथ किया था।
उससे पहले जितेंद्र की पहली पत्नी उसे छोड़ कर चली गई थी। लेकिन दोनों के संसर्ग से एक बेटा गोपी उर्फ सत्येंद्र हुआ था, जो इस समय चार वर्ष का है और वह अपने पिता जितेंद्र के साथ ही रहता था। मंगरु व उसकी पत्नी ने बताया कि बेटी रेनू हमेशा बीमार रहती थी और उसे बार-बार मिसकैरेज हो जा रहा था। इसी वजह से उसे कोई संतान हो रही थी। काफी झाड़ फूंक के बाद तांत्रिक दयाराम यादव से मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया कि सकुशल संतान प्राप्ति के लिए एक बच्चे की बलि देनी पड़ेगी। इस बात पर भरोसा कर दोनों ने अपनी बेटी रेनू को इस बात की जानकारी दी। रेनू ने भी संतान पाने की खुशी में और जितेंद्र की पहली पत्नी से जन्मे बच्चे को रास्ते से हटाने और अपना मकसद पूरा करने के लिए ही रिस्ते को कलंकित करते हुए तांत्रिक द्वारा बताई गई बातों पर भरोसा कर प्लान बनाना शुरू मार दिया। 12 जून को रेशी गांव में ही एक मांगलिक कार्यक्रम था। बस समय देखकर रेनू ने मासूम गोपी को गांव के किनारे पीपल के पेड़ के पास ले जाकर अपने पिता मंगरु, माता प्रेमा देवी और तांत्रिक दयाराम यादव के साथ मिलकर उसकी बलि चढ़ा दी।
बलि चढ़ाने से पहले तांत्रिक द्वारा बताए गए तंत्र-मंत्र विद्या के साथ मासूम का गमछे से गला दबाकर अगरबत्ती और कपूर से उसके शरीर को जलाना चाहा तो वह चिल्लाने लगा। मासूम के चिल्लाने पर लोगों को इसकी भनक न लगे इसलिए मासूम को बगल में लगे यूको लिप्टस पेड़ की आड़ में नाली में लिटाकर उसके शरीर पर दोनों आंख, एक कान, गाल, कंधा, दाहिने हांथ की कोहनी, ठुड्डी, एक हांथ की अंगुली पर कपूर डालकर माचिस तथा चिलम से जला दिया था। पकड़े जाने के डर से कर्मकांड पूरा होने के बाद शव को गड्ढे में छिपाकर सभी अपने अपने घर चले गए थे।
पुलिस ने जितेंद्र से मिली तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर शव को कब्जे में लेते हुए पीएम के लिए भेज दिया था। थाना प्रभारी विवेक कुमार सिंह ने बताया कि तहकीकात के दौरान मंगरु, दयाराम यादव, प्रेमा देवी और रेनू का नाम प्रकाश में आया था। सभी से कड़ाई से पूंछतांछ करने पर अपना जुर्म कुबूल किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों कि निशान देही पर गमछा, पूजा में प्रयुक्त गांजा, नींबू व जायफल सही अन्य सामग्री बरामद कर ली गई है। गिरफ्तार सभी अभियुक्तों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं की बढ़ोत्तरी करते हुए जेल भेज दिया गया है।
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