उत्तर प्रदेश

एक्सप्रेसवे पर डिवाइडर से टकराकर तेज रफ्तार कार पलटी, दो की हुई मौत

Admin Delhi 1
29 May 2023 6:00 AM GMT
एक्सप्रेसवे पर डिवाइडर से टकराकर तेज रफ्तार कार पलटी, दो की हुई मौत
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नोएडा न्यूज़: यमुना एक्सप्रेसवे पर तड़के तेज रफ्तार कार डिवाइडर से टकराकर पलट गई. हादसे में हरियाणा पुलिस की महिला हेड कॉन्स्टेबल और उनके निजी चालक की मौत हो गई, जबकि दो दरोगा सहित छह लोग घायल हो गए.

महिला कांस्टेबल बबीता अपने साथी दो दरोगा और अपहृत किशोरी के परिजनों के साथ किशोरी को बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार करके छत्तीसगढ़ से हरियाणा के सोनीपत जिले के खरखोदा थाने लौट रहे थे. सोनीपत में शाहजहांपुर यूपी निवासी किशोरी को छत्तीसगढ़ निवासी आरोपी डॉक्टर बहला-फुसलाकर भगा ले गया था. तीन-चार दिन पहले आरोपी की लोकेशन मिलने पर सोनीपत के खरखोदा थाने की पुलिस टीम किशोरी को बरामद करने के लिए छत्तीसगढ़ गई थी.

35 वर्षीय हेड कांस्टेबल बबीता साथी एएसआई वेदपाल और एएसआई वीरपाल के साथ छत्तीसगढ़ से नाबालिग किशोरी को बरामद करने के बाद सोनीपत लौट रहे थे. कार को हेड कांस्टेबल बबीता का चालक प्रदीप चला रहा था. कार में बरामद किशोरी, उसके पिता रामनरेश, रिश्तेदार उल्फत, आरोपी डॉक्टर और उसका भाई राजू सवार थे.

बेकाबू वाहनों पर लगाम के लिए इंटरसेप्टर मिलेगा

तेज रफ्तार वाहनों पर कार्रवाई के लिए जिले को अपना इंटरसेप्टर मिलेगा. एक माह में इंटरसेप्टर मिल जाएगा. अभी गौतमबुद्ध नगर समेत पांच जिले पर सिर्फ एक इंटरसेप्टर है.

यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति सीमा निर्धारित है. इसमें हल्के वाहनों की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा और भारी वाहनों की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा तय है. इससे तेज गति में वाहन दौड़ाने पर चालकों के चालान किए जाते हैं. इसमें यमुना एक्सप्रेसवे पर लगे कैमरों के अलावा परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम इंटरसेप्टर से वाहनों की गति की जांच करके चालान करती है.

गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर और मेरठ में एक इंटरसेप्टर है. प्रत्येक माह दो से तीन दिन के लिए इन जिलों को इंटरसेप्टर मिलता है. इस कारण इनमें से किसी भी जिले में रोजाना अभियान चलाना संभव नहीं है. आरटीओ गाजियाबाद अरुण कुमार ने कहा कि सड़क सुरक्षा कोष द्वारा 38 इंटरसेप्टर खरीदने के ऑर्डर दे दिए गए हैं. एक माह में इनकी खेप मिल जाएगी. इसमें चार जिलों पर दो इंटरसेप्टर होंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ ऐसे जिले हैं, जहां पर इंटरसेप्टर की जरूरत नहीं है. इस कारण संभव है कि गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद को एक-एक इंटरसेप्टर मिल जाए.

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