उत्तर प्रदेश

तीर्थनगरी हापुड़ में फिर से बाढ़ की आहट, मलेरिया ने बरपाया कहर

Manish Sahu
26 Aug 2023 2:06 PM GMT
तीर्थनगरी हापुड़ में फिर से बाढ़ की आहट, मलेरिया ने बरपाया कहर
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उत्तरप्रदेश: तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में गंगा किनारे रह रहे ग्रामीणों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ग्रामीण जहां एक ओर तीसरी बार बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं, तो वहीं पहले से ही गांव में जमा बाढ़ के पानी से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. ग्रामीणों को मलेरिया का डर सता रहा है. अधिकांश घरों में मरीजों की चारपाई बिछी हुई हैं. इलाज के लिए ग्रामीण गढ़मुक्तेश्वर सीएचसी के अलावा प्राईवेट अस्पतालों का रूख कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार बरसात से एक सप्ताह पूर्व तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में हालात ऐसे बने कि गंगा का जलस्तर रेड अलर्ट को क्रॉस कर गया. जिससे गंगा से सटे खादर क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों में बाढ़ आ गई. धीरे-धीरे गांवों में जमा बाढ़ का पानी भी कम होने लगा, लेकिन अब बीमारियों का खतरा ग्रामीणों के लिए बन गया है. बाढ़ प्रभावित गांवों में मलेरिया की आशंका अधिक हो गई है. ग्रामीणों को तेज बुखार के साथ-साथ शरीर टूटने, शरीर में दर्द और ठंड लगने की शिकायतें हो रही हैं. ग्रामीण अपने इलाज के लिए गढ़ सीएचसी के अलावा प्राईवेट अस्पतालों की ओर रूख कर रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि गढ़मुक्तेश्वर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सकों की टीमें भेजी जा रही हैं. घर-घर जाकर मरीजों का डाटा एकत्रित किया जा रहा है. साथ ही मलेरिया व बुखार की चपेट में आए मरीजों को दवाएं दी जा रही हैं. उनका चेकअप किया जा रहा है. इसके अलावा गढ़ सीएचसी में भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. मरीजों के खून की जांच के साथ-साथ उनकी अन्य जांच और चेकअप किया जा रहा है. मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए अस्पताल में सुविधाएं भी बढ़ाई गई हैं.
बाढ़ का मंडरा रहा खतरा
आपको बता दें कि तीर्थनगरी में गंगा से सटे करीब एक दर्जन गांवों में एक बार फिर बाढ़ की आशंका बन गई है. लगातार हो रही बारिश और बिजनौर बैराज से छोड़े जा रहे पानी की वजह से गंगा का जलस्तर येलो अलर्ट को फिर क्रॉस कर गया है और रेड अलर्ट को पार करने को बेताब है. जिससे ग्रामीणों को डर सता रहा है कि कहीं बाढ़ एक बार फिर गांवों में न आ जाए.
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