उत्तर प्रदेश

चली गई समाजसेवी की जान, पुलिस की लापरवाही नज़र आई

Admin Delhi 1
30 Dec 2022 11:54 AM GMT
चली गई समाजसेवी की जान, पुलिस की लापरवाही नज़र आई
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बरेली न्यूज़: ग्राम प्रधान द्वारा मनमाने तरीके से किए जा रहे विकास कार्यों का समाजसेवी ने कई बार विरोध किया। शौचालय से लेकर नाली निर्माण में उसने प्रधान शिखा द्वारा की जा रही अनियमितताओं को लेकर आवाज उठाई। जिसको लेकर प्रधान पति उससे रंजिश मानने लगा।

2 दिन पहले जब समाजसेवी प्रधान पति के दरवाजे के पास से गुजर रहा था तो उसकी बाइक रोककर प्रधान पति व उसके भाई ने उसे जमकर लाठी-डंडों से पीटा। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। तुरंत ही वह आरोपियों की शिकायत करने थाने पहुंचा, लेकिन पुलिस ने उसे थाने से बगैर एनसीआर लिए ही भगा दिया। ना ही उसका मेडिकल कराया। इलाज के अभाव में गुरुवार को समाजसेवी ने दम तोड़ दिया।

आरोप है पुलिस उसके बाद आरोपियों को बचाने में जुट गई और आईपीसी की 302 के बदले आईपीसी की धारा 304 में मुकदमा लिखने की बात की जाने लगी। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। जब इसका पता आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप को चला तो वह परिवार को सांत्वना देने पोस्टमार्टम हाउस गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है।

क्या है मामला ?

थाना फतेहगंज पूर्वी के नगरिया कला निवासी ओमकार कश्यप समाजसेवी थे। उनके चचेरे भाई पूर्व प्रधान गिरीश कश्यप ने बताया कि 27 दिसंबर को ओमकार कश्यप रात 8:00 बजे अपने खेत पर बाइक से जा रहे थे। उनके खेत पर जाने का रास्ता प्रधान पति रविंद्र यादव के घर के सामने से होकर गुजरता है। जैसे ही वह रविंद्र यादव के घर के पास पहुंचे, रविंद्र यादव ने अपने भाई आरेंद्र यादव के साथ बाइक को रोक लिया और ओमकार को लाठी-डंडों से दोनों ने पीटना शुरू कर दिया। गांव के अन्य लोग उन लोगों की दबंगई के सामने तमाशबीन बन सब कुछ देखते रहे। उसके बाद तुरंत ही घायल अवस्था में ओमकार कश्यप थाने पहुंचे। लेकिन, पुलिस ने उसे उल्टा लौटा दिया। ना ही उसका मेडिकल कराया और ना ही एनसीआर दर्ज की। खस्ता हालत होने के कारण गिरीश घर पर चला आया। इलाज के अभाव में गुरुवार सुबह ओमकार की मौत हो गई। बताया जा रहा है ग्राम प्रधान द्वारा विकास कार्यों को गलत तरीके से कराया जा रहा था। जिसका ओमकार विरोध करते थे, इसलिये उनकी हत्या कर दी गई।

घटना की सूचना पर पहुंचे आंवला सांसद: ओमकार एक समाजसेवी थे। वह हमेशा गलत काम का विरोध करते थे। जब इसका पता आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप को चला तो वह पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने परिवार के लोगों को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अगर पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर घायल का मेडिकल करा कर उपचार कराती तो ओमकार की जान बच सकती थी। वहीं पुलिस ने गुरुवार तक आरोपियों को बचाने का प्रयास किया। हत्या की वजह पुलिस गैरइरादतन हत्या में मुकदमा दर्ज कर रही थी। पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

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