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उत्तर प्रदेश
उफनाई गंगा-यमुना से हालात और बिगड़ने के आसार...बाढ़ के डर से पलायन शुरू
Shantanu Roy
22 Aug 2022 11:17 AM GMT

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बड़ी खबर
प्रयागराज। यूपी में भले ही गंगा-यमुना के जलस्तर में काफी कमी आई है, बाढ़ का खतरा ज्यों का त्यों है। इसी कड़ी में प्रयागराज जिले में कई इलाकों पानी स्तर इतना भर गया है कि वहां बाढ़ आने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि उत्तराखंड में लगातार बारिश हो रही है जिसकी वजह से वहां के बांधों एवं पश्चिमी यूपी के बैराज से गंगा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते प्रयागराज में भी लोगों को बाढ़ का डर सता रहा है। दरअसल कोटा बैराज से चंबल में छोड़ा पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। वह इटावा के पास यमुना में मिल चुका है। ऐसे में गंगा और यमुना के जलस्तर में एक बार फिर से वृद्धि होनी तय है।
बता दें कि प्रयागराज में गंगा और यमुना के पानी का स्तर पिछले कुछ दिनों से तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन रविवार सुबह से पानी का स्तर नीचे गिरने लग गया है। बताया जा रहा है कि सुबह आठ बजे से रात आठ बजे के बीच फाफामऊ में गंगा का जलस्तर आठ सेमी और छतनाग में नौ सेमी है। हालांकि यह अभी फौरी राहत ही मानी जा रही है। क्योंकि पीछे से गंगा और यमुना में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते बाढ़ आने का डर बना हुआ है। वही प्रयागराज में कई जगह ज्यादा पानी आने से डरे हुए लोग लगातार भगवान के आगे प्रयथनाए कर रहे है कि बाढ़ ना आए।
लगातार बारिश होने से बिगड़ सकते है हालात
प्रयागराज के कछारी इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। ऐसे में आगर जोरदार बारिश होती है तो हालात और खराब हो सकते है। बताया जा रहा है कि यहां से पानी निकालना मुश्किल हो जाएगा। वही अल्लापुर समेत कई मोहल्लों में जलभराव हो सकता है।
हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा जा सकता है पानी
पहाड़ों पर हो रही बारिश की वजह से हरियाणा स्थित हथिनी कुंड बैराज से यमुना और यूपी के नरौरा से गंगा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। मथुरा के गोकुल बैराज से भी यमुना में पानी छोड़ा गया है। यह सारा पानी प्रयागराज में ही आना है। इस बीच अगर मध्य प्रदेश में जोरदार बारिश हुई तो केन, बेतवा एवं चंबल का पानी प्रयागराज के लिए मुसीबत बन सकता है।
बाढ़ के डर से प्रार्थना कर रहे लोग
कछारी इलाकों में रहने वाले लोग भगवान से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि अब नदियों का जलस्तर न बढ़े। सलोरी में रहने वाले रविंद्र सिंह ने बताया कि अगर एक मीटर भी पानी बढ़ा तो यहां दर्जनों लोगों को अपने मकान खाली करने पड़ सकते हैं। फिलहाल छोटा बघाड़ा, दारागंज का तटीय इलाका, गड्ढा कालोनी, गौस नगर, सदियापुर, शंकरघाट, सदियापुर, बेली में रहने वाले लोग पानी बढ़ने को लेकर सशंकित हैं।
बड़े हनुमान मंदिर का परिसर जलमग्न
लेटे हनुमान मंदिर का परिसर भी पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गया है। श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं है। हनुमानजी का विग्रह ऊपर स्थित मंदिर में रखकर नियमित पूजा अर्चना और भोग, आरती हो रही है।
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