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प्रतापगढ़ न्यूज़: विकास खंड मानधाता की ग्राम पंचायत बछुआ कामिल का पुरवा में इंदिरा आवास दूसरे लाभार्थी के खाते में भेजने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है. आवास की धनराशि पाने वाली महिला सुमित्रा देवी ने मीडियाकर्मियों के सामने आरोप लगाया कि आवास की धनराशि देने के लिए सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान ने उससे 20 हजार रुपये लिया था. यही नहीं महिला की मानें तो उसे इसकी जानकारी नहीं है कि किसी दूसरे के नाम पर खाता खोलकर उसे आवास की धनराशि दी जा रही है. बैंक से आवास की किश्त भी सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान ही निकाल करते थे.
सुमित्रा के मुताबिक वर्ष 2014 में तत्कालीन ग्रामप्रधान राधेश्याम पटेल व सेक्रेटरी अखिलेश यादव उसके घर सर्वे करने आए थे और इंदिरा आवास दिलाने का आश्वासन दिया था. कुछ दिन बाद सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान दोबारा घर आए और बैंक में खाता खोलने के लिए आधार कार्ड और फोटो ले गए. एक दिन उसे बैंक बुलाकर अंगूठा लगवाकर घर भेज दिया गया. खाते में पैसा आने के बाद उसे निकालने के लिए वह बैंक नहीं गई थी, ग्रामप्रधान और सेक्रेटरी ने फार्म पर अंगूठा लगवा लिया था. दो बार में उसे कुल 50 हजार रुपये मिले थे. शेष 20 हजार रुपये सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान ने अधिकारियों को देने के लिए अपने पास रख लिए थे. मामले में पीड़ित महिला मीना देवी ने तत्कालीन ग्राम प्रधान राधेश्याम पटेल, सेक्रेटरी अखिलेश यादव व बैंककर्मियों के खिलाफ फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने विवेचना शुरू की तो फर्जीवाड़े में नए-नए खुलासे होने लगे हैं.
कई और लाभार्थियों के नाम पर किया गया फर्जीवाड़ा
बछुआ कामिल का पुरवा गांव के ग्रामीणों में इस बात की चर्चा तेज रही कि तत्कालीन सेक्रेटरी अखिलेश यादव के कार्यकाल में इंदिरा आवास के कई और लाभार्थियों के साथ भी फर्जीवाड़ा हुआ है. गांव के ऐसे लाभार्थियों के नाम पर ब्लॉक में आवास आवंटन दिखा दिया गया है लेकिन उन्हें आज तक धनराशि नहीं मिली.