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शोध संस्थान को मिलेगा नया निदेशक, डॉ.लवकुश का कार्यकाल इसी माह हो रहा पूरा
फैजाबाद न्यूज़: उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की स्वायत्त शाही संस्था अयोध्या शोध संस्थान को नया निदेशक जल्द मिल जाएगा। संस्कृति विभाग ने शोध संस्थान के अतिरिक्तउत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी व भारतेन्दु नाट्य अकादमी के निदेशकों की नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन के जरिए आवेदन आमंत्रित किया है। आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून तय की गयी है। विभाग की ओर से इस आवेदन के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 30 वर्ष व अधिकतम 62 वर्ष निर्धारित है।शोध संस्थान के पूर्व निदेशक स्मृति शेष डा. वाईपी सिंह ने लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी और संस्थान को एक पहचान भी दिलाई। संस्थान में उनकी तैनाती संस्थान में 26 अप्रैल 2002 को हुई थी और 30 जून 2020 को वह सेवानिवृत्त हो गये लेकिन उनके कार्यकाल का शासन ने विस्तार कर दिया।
इस दौरान कोरोना काल खंड में संक्रमित होने के बाद 30 अप्रैल 2021 को वह जिंदगी से हार गये। इनसाइक्लोपीडिया आफ ग्लोबल रामायण उन्हीं की परिकल्पना थी।
अनवरत रामलीला संस्थान की है प्रमुख परियोजनापुन रिक्त पद पर संस्कृति निदेशालय से रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए डा.लवकुश द्विवेदी को नई तैनाती मिली। उनका भी दो वर्ष का कार्यकाल 26 जून 2023 को पूरा हो जाएगा। उधर शोध संस्थान की एक बड़ी परियोजना अनवरत रामलीला का मंचन है। कोरोना काल में 21 मार्च 2020 से बंद रामलीला का मंचन दो अप्रैल 2022 को पुन शुरू हो सका है लेकिन अयोध्या शोध संस्थान के तुलसी स्मारक भवन का जीर्णोद्धार व नवीनीकरण के चलते हाइवे स्थित प्रेक्षागृह में इसकी शुरुआत की गयी।
शहर से बाहर होने के कारण पांच अगस्त 2022 को इसका मंचन भजन संध्या स्थल पर शुरू कराया गया है। यहां बंदरों के आतंक के कारण भारी अव्यवस्था फैली है। इसके चलते तुलसी स्मारक भवन के प्रेक्षागृह का निर्माण शीघ्रातिशीघ्र पूरा करने का दबाव कार्यदाई संस्था पर बना है।