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10 अक्टूबर तक तैयार हो जानी चाहिए थी रिपोर्ट, डीएमओ ने प्रशासन को नहीं सौंपी रिपोर्ट
मेरठ न्यूज़: योगी सरकार के आदेशानुसार गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे के लिए दी गई टाइमलाइन पूरी हो गई है। मेरठ में सर्वे की स्थिति पर प्रशासन शुरु से ही पर्दा डाल कर चलता रहा। उसने इस सर्वे से मीडिया को भी दूर रखा। सर्वे को लेकर कोई जानकारी मीडिया को उलपब्ध नहीं कराई गई। प्रशासन का कहना है कि सर्वे मुकम्मल हो चुका है और रिपोर्ट कम्पाइलेशन चल रहा है, जबकि सूत्र बताते हैं कि मेरठ के कई बड़े मदरसों में सर्वे टीम पहुंची ही नहीं।
दरअसल, मदरसा सर्वे में शुरू से ही अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का कार्यालय सवालों के घेरे में रहा। यहां तक कि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शैलेश रॉय ने तो इस मामले में पूरे समय चुप्पी साधे रखी। उन पर तो मीडिया कर्मियों के फोन नम्बर तक 'ब्लैक लिस्ट' में डालने के आरोप लगे ताकि उनसे कोई सवाल न पूछ सके। गुरुवार को भी जब पत्रकार उनके कार्यालय जानकारी हासिल करने पहुंचे तो उनका कमरा बंद था। कार्यालय के कर्मचारियों ने बताया कि 'साहब' आॅनलाइन मीटिंग में व्यस्त हैं, बात नहीं कर सकते। बाद में फोन पर सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन फिर सम्पर्क नहीं हो सका। इस संबंध में जब अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अमित कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मदरसों का सर्वे लगभग पूरा हो चुका है।
हालांकि वो यह भी कहते हैं कि सर्वे रिपोर्ट उन्हें अभी तक नहीं मिली है। बकौल एडीएम (ई) अभी सर्वे टीम द्वारा तैयार की गई मदरसोें की सर्वे का कम्पाइलेशन चल रहा है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलते ही वो इसे जिलाधिकारी को सौंप देंगे।
ये थी टाइम लाइन:
सर्वे टीम बनाने का काम 10 सितम्बर तक
सर्वे पूर्ण करने की समय सीमा 5 अक्टूबर
सर्वे टीमों द्वारा रिपोर्ट तैयार करने की तिथि 10 अक्टूबर
डीएम द्वारा रिपोर्ट शासन को भेजने की तिथि 25 अक्टूबर