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उत्तर प्रदेश
केस दर्ज कराने के लिए भटकती रही दुष्कर्म पीड़िता, पुलिस ने पीड़िता पर दर्ज की रिपोर्ट
Admin4
10 Dec 2022 6:15 PM GMT

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गोंडा। जिले के परसपुर पुलिस ने गजब का कारनामा कर दिखाया है। महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को धता बताते हुए पुलिस ने गैंगरेप पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज करने के बजाए उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए भटक रही गैंगरेप पीड़िता ने इस मामले में पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत कर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय पर धरना देने का ऐलान किया है। परसपुर पुलिस किस कार्यशैली ने महिला सुरक्षा के दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
परसपुर थाना क्षेत्र के गांव की रहने वाली पीड़िता के मुताबिक 27 नवंबर को वह अपने बीमार पिता की दवा लाने के लिए धनावा चौराहे पर गई थी। शाम करीब पांच बजे वापस लौटते समय स्कूल के पास खड़े दो आरोपियों ने उसे पकड़ लिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता ने विरोध किया तो आरोपियों ने उसकी लात घूंसों से पिटाई भी की और मुंह बंद रखने तथा जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए। पीड़िता इस बात की शिकायत लेकर थाने पर गई तो एक महिला आरक्षी ने उसके बयान का वीडियो तो बनाया लेकिन उसके रिपोर्ट नहीं दर्ज लिखी गई।
पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी नहीं कराया गया। पीड़िता का आरोप है कि वह रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पिछले 10 दिन से थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक के चक्कर काट रही है लेकिन उसकी एफआईआर नहीं दर्ज हो रही है। उल्टे परसपुर पुलिस ने आरोपियों से मिलीभगत कर उसके खिलाफ ही जबरन वसूली और मारपीट का केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस की कार्यशैली से आहत पीड़िता ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर धरना देने का ऐलान किया है। वहीं परसपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार सरोज का कहना है कि आला अफसरों के आदेश पर पीड़िता व उसके सहयोगी के खिलाफ जबरन वसूली करने व मारपीट करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि पीड़िता की शिकायत पर एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई इसका जवाब वह नहीं दे सके।
गैंगरेप पीड़िता पर एफ आई आर दर्ज कराने वाले आरोपी पक्ष का कहना है कि पीड़िता अपने एक सहयोगी के साथ मिलकर उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रही है। पीड़िता का सहयोगी बबलू मिश्रा अपराधी प्रवृत्ति का है और आए दिन वह पैसों की मांग किया करता है। पैसा ना देने पर पीड़िता से फर्जी तहरीर दिलाई जा रही है। गैंगरेप का आरोप पूरी तरह से निराधार है।

Admin4
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