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उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में जमीनों के अवशेष बचे हैं। इसके बाद भी भू स्वामियों Land Owners को प्रस्तावित नया इंजीनियर बाजार से संतोष नहीं है। जिला प्रशासन की ओर से प्रस्तावित नए बिल्डरों को रिहा कर दिया गया। अब तक जिले से 215 दावे और दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। चौकाने वाली बात यह है कि जिन लोगों ने दावा-आपत्तियां पेश की हैं, उनमें से लगभग 95 प्रतिशत लोगों ने जमीन की सीधी गिनती में 200 से 1200 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की मांग की है। प्रशासन का दावा-आपत्तियों के उद्योग में है।
वर्ष 2017 के बाद से आयोध्या अयोध्या में किसानों की जमीनों पर दस्तावेज शामिल नहीं किए गए हैं। वहीं अयोध्या में 2021 के बाद जमीनों की जमीन में तेजी से दरार आई है। इसका आकार एक जैसा लगाया जा सकता है कि राम मंदिर का निर्णय आने वाले 2020-21 के बाद भूमियों का निर्माण 20 से 30 गुना अधिक होगा। राममंदिर निर्माण के बाद और प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या शहर और उसके आसपास के 16 देशों में सबसे अधिक जमीनें तैयार की गई हैं।
जमीनो के सबसे अधिक रजिस्ट्री नगर Registry Townनिगम क्षेत्र या क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में कब्जा कर लिया गया है। जिन कश्मीर में सबसे अधिक जमीन बिकी, उनमें कुढ़ा केशवपुर, उपहार, जलालुद्दीन नगर, तिहुरा माझा, माझा बरहटा और उपहार, राजेपुर, राजेपुर हलकारा, शाहनवाजपुर, सराय माझी और अन्य गांव शामिल हैं। सहायक महानिरीक्षक निबंधन योगेन्द्र प्रताप सिंह का कहना है कि वास्तुशिल्प मास्टर्स रेटिंग पर प्राप्त वस्तुओं का सालिडेशन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्राप्त सिद्धांतों के अनुसार अधिकांश ने 200 से लेकर 1200 प्रतिशत तक बढ़ाए जाने की मांग की है।