उत्तर प्रदेश

गांव की आबादी चार हजार, जॉबकार्ड जारी किए छह हजार, अफसर बदलते रहे लेकिन लाभार्थी पुराने रहे

Harrison
2 Oct 2023 9:48 AM GMT
गांव की आबादी चार हजार, जॉबकार्ड जारी किए छह हजार, अफसर बदलते रहे लेकिन लाभार्थी पुराने रहे
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उत्तरप्रदेश | जिले में मनरेगा खाते से विकास भले ही कम हुए हों लेकिन धन का बंदरबांट अधिकतर ग्राम पंचायत में हो रहा है. कई ग्राम पंचायत में अफसर व जनप्रतिनिधियों ने मनरेगा की धनराशि हजम करने के लिए सारे कानून कायदे दरकिनार कर दिए हैं. मनरेगा धन के बंदरबांट का ऐसा ही एक मामला बाबागंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत पुरमई सुलतानपुर का है, यहां अफसरों ने आबादी से अधिक जॉबकार्ड जारी कर दिया है.
विकास खंड बाबागंज की ग्राम पंचायत पुरमई सुलतानपुर की वर्तमान आबादी करीब चार हजार है, इसमें दो हजार से अधिक मतदाता हैं. ग्राम पंचायत के पोर्टल पर जॉबकार्ड धारकों का क्रमांक छह हजार पहुंच चुका है. हालांकि ग्राम पंचायत का यह आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है लेकिन यह 100 फीसदी सच है. इस गोरखधंधे में ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी, राजेगार सेवक सहित ब्लॉक मुख्यालय पर तैनात अफसर भी शामिल रहे. दरअसल गांव के एक ही लाभार्थी के नाम चार से पांच बार जाबकार्ड जारी किया गया है. यही नहीं गांव की आंगनबाड़ी कार्यकत्री व दर्जनभर नाबालिग भी जॉबकार्ड धारकों की सूची में शामिल हैं.
पुरमई सुलतानुर में अपात्रों को जॉबकार्ड जारी करने की जानकारी मिली है. जांच कराई जाएगी, हकीकत सामने आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
-अरुण कुमार
बीडीओ बाबागंज
अपात्रों के नाम पर किया मजदूरी का भुगतान
पुरमई सुलतानपुर ग्राम पंचायत में सिर्फ अपात्रों के नाम जॉबकार्ड ही जारी नहीं किए गए हैं, उनके नाम पर मजदूरी का भुगतान भी किया गया है. गांव में कई ऐसे जॉबकार्ड धारक भी हैं जिन्हें यह पता नहीं है कि उनके नाम पर जॉबकार्ड जारी किया गया है.
दरअसल पुरमई सुलतानपुर में शिकायत मिलने पर जिन अपात्र जॉबकार्ड धारकों का नाम अफसर हटा दिया जाता है, कुछदिन बाद आने वाला नया अफसर उसी लाभार्थी के नाम पर फिर से जॉबकार्ड जारी कर देता है. नतीजा एक ही लाभार्थी के नाम पर चार से पांच बार जॉबकार्ड जारी किया है.
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