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दोस्त आइपीएस न होता तो आइएएस की तैयारी कर रहे विनीत सिंह को पुलिस स्मैक तस्कर बताकर जेल भेज चुकी होती। पुलिस बर्बरता की यह घटना बाराबिरवा चौराहे की है। वहां कुछ सिपाही ओला टैक्सी चालक को पीट रहे थे। प्रत्यक्षदर्शी विनीत से रहा न गया तो उसने विरोध किया। फिर क्या था- सिपाही विनीत पर टूट पड़े। पहले उसे चौराहे पर पीटा, फिर ई-रिक्शे पर लादकर रेल पटरियों के किनारे ले जाकर वहां लाठियां बरसाईं। उसका मोबाइल तोड़ दिया।
गांजा और स्मैक की पुड़िया की बरामदगी दिखाकर उसे जेल भेजने की बात कहकर थाने ले गए। इस बीच मौका पाकर विनीत ने मध्य प्रदेश में प्रशिक्षु आइपीएस मित्र से बात कर पूरी घटना बताई। आइपीएस ने तुरंत एसीपी काकोरी अनूप कुमार सिंह को फोन किया। तब कहीं जाकर विनीत की जान छूटी। विनीत सिंह इंदिरानगर सी ब्लाक में रहते हैं। वह दिल्ली में आइएएस की तैयारी कर रहे हैं।
सोमवार देर रात दिल्ली के लिए बस पकड़ने बाराबिरवा चौराहा गए थे। वहां उन्होंने देखा कि पुलिसवाले ओला चालक को पीट रहे हैं। विनीत ने विरोध किया तो वे इन पर टूट पड़े। विनीत के मित्र प्रशिक्षु आइपीएस के फोन के बाद पुलिस वालों की हेकड़ी निकल गई। मानक नगर थाने के इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र सरोज के कहने पर सिपाही अनमोल और उसके दो साथियों ने विनीत से फौरन माफी मांगी। उन्होंने चाय भी आफर की, लेकिन विनीत ने मना कर दिया।
विनीत ने जागरण को बताया कि इंस्पेक्टर ने सिपाहियों से कहा कि साहब को दिल्ली जाने वाली एसी बस में बैठा दो। उनसे किराया मत लेना। सिपाहियों ने विनीत को दिल्ली की बस में बैठा दिया। विनीत के मुताबिक, कुछ दूर जाकर वह बस से उतर गए। पिटाई से शरीर टूट रहा था। अपनी बहन को फोन करके बुलाया और अस्पताल पहुंचे। तबीयत ठीक होने पर विनीत मंगलवार रात एसीपी काकोरी अनूप कुमार सिंह के दफ्तर गए। वहां पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्रार्थनापत्र देकर कार्रवाई की मांग की।
प्रार्थनापत्र के आधार पर इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र सरोज से मामले की रिपोर्ट मांगी की गई है। आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
