उत्तर प्रदेश

पुलिस को स्कार्पियों में फंसे लोगों को निकालने में आधे घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा.

Admindelhi1
12 April 2024 6:27 AM GMT
पुलिस को स्कार्पियों में फंसे लोगों को निकालने में आधे घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा.
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कार की छत और गेट काटकर शव बाहर निकाले

मुरादाबाद: कांठ थाना क्षेत्र के रसूलपुर फाटक के पास सुबह हुए भीषण हादसे के बाद पुलिस को स्कार्पियों में फंसे लोगों को निकालने में आधे घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा. आलम यह रहा कि बुरी तरह क्षतिग्रस्त स्कार्पियों की छत और गेट हटाकर किसी तरह अंदर फंसे शव और घायल लोगों को निकाला. एएसपी और एसएचओ समेत 15-20 पुलिसकर्मी रेस्क्यू में लगे रहे. राहगीरों और स्थानीय लोगों ने भी पुलिस के कंधे से कंधा मिलाकर मदद की.

सुबह करीब पांच बजे जब हादसा हुआ उस समय रसूलपुर फाटक के पास मुरादाबाद-हरिद्वार रोड पर चुनिंदा वाहन ही सड़क से गुजर रहे थे. ऐसे में जब स्कार्पियों बिजली के खंभे से टकराने के बाद खाई में गिरी तो किसी को भनक तक नहीं लगी. थोड़ी देर बाद कार में फंसे लोगों की चीखपुकार मच गई. तब राहगीरों की नजर उन पर पड़ी और पुलिस को सूचित किया. सूचना मिलते ही एएसपी ऋषभ रुणवाल, एसएचओ कांठ योगेंद्र कुमार सिंह समेत कई चौकी प्रभारी दर्जनों पुलिसकर्मी के साथ मौके पर पहुंचे. एएसपी और एसएचओ खुद गाड़ी में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुट गए. एसएचओ ने बताया कि करीब 15-20 पुलिसकर्मी और कुछ स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह गाड़ी में फंसे सभी छह लोगों को बाहर निकाला. आनन-फानन में एम्बुलेंस बुलाकर सभी को जिला अस्पताल भेजा गया. करीब आधे घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा.

लोग घायल हैं, जिनका निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है.

मुरादाबाद के मुगलपुरा क्षेत्र से भी है हादसे में जान गंवाने वालों का नाता

कांठ हादसे में जान गंवाने वालों का संबंध मुगलपुरा काननूगोयान मोहल्ले से भी है. कानून गोयान निवासी आशुतोष रस्तोगी ने बताया कि जान गंवाने वाली संगीता रस्तोगी उनकी तहेरी भाभी लगती हैं. पंकज रस्तोगी उनके ताऊ के लड़के थे. मुगलपुरा के ही हाथी वाला मंदिर निवासी राजीव रस्तोगी उर्फ राजू पंकज के मौसेरे भाई हैं. इस हिसाब से संगीता उनकी मौसेरी भाभी थीं. आशुतोष ने बताया कि वह लोग मूल रूप से बदायूं के इस्लामनगर के रहने वाले हैं. कारोबार के सिलसिले में काफी सालों से अलग-अलग जगह शिफ्ट हो गए थे. आशुतोष की मानें तो उनकी तहेरी भाभी संगीता पहले मुरादाबाद आती और यहां से इस्लामनगर के लिए निकलतीं. हादसे की खबर मिलते ही मुरादाबाद में रहने वाले संगीता के परिजन और रिश्तेदार मोर्चरी पर डटे रहे.

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