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उत्तर प्रदेश
अपराधियों पर पुलिस की सख्ती को मंत्री ने सराहा, विवेचनाओं का निस्तारण 15 फीसदी बढ़ा
Harrison
28 Aug 2023 12:47 PM GMT
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उत्तरप्रदेश | कमिश्नरेट बनने के बाद पुलिसिंग, यातायात, अपराध पर नियंत्रण और अपराधियों पर अंकुश की परीक्षा में गाजियाबाद पुलिस पास हो गई. समीक्षा बैठक में पेश किए गए पुलिस के रिपोर्ट कार्ड पर प्रभारी मंत्री असीम अरुण ने संतोष जाहिर किया है. साथ ही सराहना करते हुए जनप्रतिनिधियों के सुझावों पर अमल करने के निर्देश भी दिए.
पुलिस लाइन में हुई समीक्षा बैठक में आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने प्रभारी मंत्री को बताया कि 252 अपराधियों के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की गई. पूर्व के मुकाबले में गैंगस्टरों की संपत्ति अधिक जब्त की गई. वर्ष 2021 में जहां नौ मामलों में सात करोड़ रुपए, वर्ष 2022 में 23 मामलों में 27 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त हुई. वहीं, कमिश्नरेट बनने के बाद केवल छह मामलों में 86 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की. इसके अलावा 143 पुरस्कार घोषित अपराधियों को सलाखों के पीछे डाला. आठ अपराधियों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई भी की. कमिश्नरेट पुलिस की प्रभावी पैरवी के बाद 794 मामलों में अभियुक्तों को सजा हुई. दो को मृत्युदंड और 46 को आजीवन कारावास की सजा शामिल है.
विवेचनाओं का निस्तारण 15 फीसदी बढ़ा एक जनवरी 2023 को 8611 विवेचनाएं लंबित थीं. इस दौरान 21 अगस्त तक 12878 एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें से पुलिस द्वारा 16618 विवेचनाओं का निस्तारण किया जा चुका है. 21 अगस्त तक लंबित विवेचनाओं की कुल संख्या 4871 बचीं. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि वर्ष 2022 में रेप एवं पॉक्सो एक्ट की विवेचनाओं के निस्तारण का प्रतिशत 62 फीसदी था, जो कमिश्नरेट में 87 फीसद हो गया है. रेप एवं पॉक्सो की लंबित विवेचनाओं की संख्या 20 बची हैं.
97 फीसदी वांछितों पर कार्रवाई
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गंभीर मामलों में वांछितों की संख्या 11581 थी. इनमें से 11327 के खिलाफ कार्रवाई हुई. इसका प्रतिशत 97.37 रहा. वर्तमान में 254 अपराधी वांछित हैं. साथ ही वांछित गैंगस्टरों की संख्या कुल 20 है. कुल 79 इनामी बदमाश अभी पुलिस पकड़ से दूर बने हुए हैं.
चार मापदंडों में पुलिस अव्वल
जनहित गारंटी अधिनियम के चार मापदंडों में गाजियाबाद पुलिस ने प्रदेश में पहला स्थान पाया है. चरित्र प्रमाण पत्र के साथ किराएदार, घरेलू सहायता और कर्मचारी सत्यापन के मापदंड पर पहले पायदान पर है. इन सभी मामलों का निस्तारण महज 15 दिनों के भीतर किया जा रहा है. साथ ही पुलिस आयुक्त ने बताया कि गाजियाबाद पुलिस डायल-112 के रेस्पांस टाइम में मई माह से लगातार प्रदेश में नंबर वन बनी हुई है. अगस्त माह में पुलिस का रेस्पांस टाइम 7 मिनट से भी कम दर्ज हुआ है.
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Harrison
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