उत्तर प्रदेश

उलझ रहा है बिहारी जी मन्दिर कॉरिडोर बनाने का मामला

Shantanu Roy
24 Jan 2023 9:41 AM GMT
उलझ रहा है बिहारी जी मन्दिर कॉरिडोर बनाने का मामला
x
मथुरा। उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मन्दिर के सामने काॅरिडोर बनाने का मामला अब उलझता ही जा रहा है। इस मामले में बहुत लोग तटस्थ हैं वहीं संतों के एक गुट ने काॅरिडोर का समर्थन कर दिया है जबकि मन्दिर के सेवायत, व्यापारी , वृन्दावन के अधिकांश निवासी एवं संतों का एक और गुट काॅरिडोर के विरोध में उतर आया है। ब्रज चैरासी कोस परिक्रमा में पीरपुर के जगल में स्थित आश्रम के तपस्वी संत नागरीदास बाबा ने आज मन्दिर की वर्तमान व्यवस्था में ही सुधार करने की सलाह दी है। उनका कहना था कि मंदिर को पर्यटन स्थल नही बनाया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि मंदिर को पर्यटन का स्वरूप देने के कारण ही केदारनाथ में भीषण दुर्घटना हुई तथा बद्रीनाथ मदिर के विगृह के ऊपर हेलीकाॅप्टर उड़ाने से हेलीकाॅप्टर दुर्घटना हुई। बांकेबिहारी मन्दिर का विगृह स्वयं प्राकट्य है इसे साधारण मूर्ति नही समझा जाना चाहिए। उधर उमाशक्ति पीठाधीश्वर स्वामी रामदेवानन्द सरस्वती का कहना है कि एक तिहाई वृन्दावन को उजाड़ने की जगह तिरूपति बाला जी या सिद्ध विनायक की तरह लाइन सिस्टम को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। यह लाइन जुगल घाट की तरफ से चलकर मन्दिर में समाप्त हो तथा मन्दिर में रेलिंग लगाकर निकास हो जिससे लोगों को दर्शन भी हो जांय और मन्दिर के अन्दर भीड़ इकट्ठा न हो। वृन्दावन में केसी घाट पर वर्षों से यमुना आरती कर रहे आनन्द बाबा गंगे जी का इसी प्रकार का विचार है।गोवर्धन के संतो, महन्तों एवं सेवायतों ने भी कारीडोर के खिलाफ चल रहे आंदोलन का समर्थन किया है। उधर चतुः सम्प्रदाय वृन्दावन के महन्त फूलडोल महराज के नेतृत्व में महंत रामस्वरूप दास, महंत केशवदास, महंत लाड़ली शरण आदि समेत संतो के एक वर्ग ने सटी मजिस्ट्रेट सौरभ दुबे को ज्ञापन देकर काॅरिडोर निर्माण का समर्थन किया है। यह ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजकर कारीडोर के शीघ्र निर्माण कराने की मांग की गई है साथ ही यह भी कहा गया है।
काॅरिडोर बनाते समय मंदिर के सेवायतों एवं व्यापारियों के हित का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। बरसाना के संतों के एक वर्ग ने भी काॅरिडेार बनाने का समर्थन किया है। वृन्दावन के मशहूर चिकित्सक डा0 श्रीकृष्ण दीक्षित आयुर्वेदाचार्य ने कहा कि यदि मन्दिर के प्रवेश और निकास द्वार तथा गर्भगृह की चैड़ाई कम से कम 12 फीट कर दी जाय और लाइन से श्रद्धालुओं को भेजा जाय तो काॅरिडोर भी नही बनाना पड़ेगा और समस्या का निदान भी हो जाएगा।वृन्दावन निवासी दीपक पारासर का कहना था कि यदि अधिकारियों ने जन्माष्टमी की रात अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाई होती तो कारीडोर की बात ही नही आती। उनका कहना था कि कॉरिडोर बनाकर लोेगों को उजाड़ने की जगह वर्तमान व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सकता है। वृन्दावनवासी शिक्षिका ज्योति ने कहा कि जरूरत मंदिर के अन्दर की व्यवस्थाओं को ठीक करने की हैे कॉरिडोर बनाने से समस्या जस की तस रहेगी। बांकेबिहारी मन्दिर के सेवायत ज्ञानेन्द्र किशोर गोस्वामी ने कहा कि कॉरिडोर बनने से अपरस की समस्या आ सकती है। वर्तमान में सेवायत मन्दिर की सेवा के समय किसी को स्पर्श नही करते किंतु सेवायतों को दूर भेजने से पूजा की वर्तमान पद्धति में व्यवधान पड़ेगा। सेवायत शशांक गोस्वामी ने कहा कि जुगलघाट से बिहारी जी तक पुल बनाकर समस्या का निराकरण किया जा सकता है। काॅरिडोर के विरोध में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को खून से लिखे पत्र भेजने, काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने, बाजार बन्द करने, शंख बजाकर सरकार और अधिकारियों को सदबुद्धि देने, देहरी पूजन कर सरकार को सदबुद्धि देने , नारेबाजी करने जैसे कार्यक्रम आंदोलन के अन्तर्गत किये जा चुके हैं। अदालती दांवपेंच भी शुरू हो गए हैं । जिले के आला अधिकारियों से वार्ता फेल हो चुकी है किंतु ऊंट अभी किसी करवट नही बैठा है। वर्तमान में आंदोलनकारियों एवं सरकार के बीच कॉरिडोर बनाने और न बनाने को लेकर रस्साकशी जारी है।
Next Story