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![बेरोजगारी का मुद्दा विधानपरिषद में गूंजा बेरोजगारी का मुद्दा विधानपरिषद में गूंजा](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/03/04/2616514-89.webp)
लखनऊ: विधान परिषद में शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट को पारित करने के साथ ही सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी। इसके पूर्व सदन में बेरोजगारी का मुद्दा गूंजा। सपा और बसपा ने शून्य प्रहर में अलग-अलग अपनी नोटिस के जरिये रोजगार नहीं मिलने से युवाओं द्वारा मानसिक तनाव और आत्महत्या करने की बात कही।
नेता सदन केशव प्रसाद मौर्या ने कहा सरकार रोजगार के लगातार रास्ते खोल रही है। गरीबों, किसानों, नौजवानों की पीड़ा को हम समझते हैं। रोजगार मेले लगाकर हम लाखों लोगों को रोजगार दे चुके हैं। सपा सदस्यों ने सरकार पर सदन में गलत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाते हुए वाक आउट कर दिया। वहीं बसपा सदस्य ने डिग्रीधारी युवाओं को रोजगार नहीं देने का आरोप लगाया और कहा सरकार की हर भर्ती में गड़बड़ियां हो रही हैं, इससे बेरोजगार नौजवान हताश, निराश और मानसिक रूप से पीड़ित हो गया है।
सदन में प्राइमरी स्कूलों के अध्यापकों के स्थानान्तरण का मुद्दा भी सवालों के जरिये उठाया गया। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा अभी शिक्षकों के अन्त: जनपदीय तबादलों की प्रक्रिया चल रही है। इसके पूर्ण होने पर अन्तर्जनपीद तबादलों की प्रक्रिया शुरू होगी।
शून्य काल में सपा के लाल बिहारी यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, नरेश चन्द्र उत्तम, डा. मान सिंह यादव, आशुतोष सिन्हा, मुकुल यादव एवं शहनवाज खान ने प्रदेश में बेरोजगारों का मुद्दा उठाया। नरेश चन्द्र उत्तम ने कहा प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ी है। सरकार लोगों को रोजगार देने में विफल है। सरकार ने कुटीर उद्योगों पर ध्यान नहीं दिया है। सरकार बड़े उद्योगपतियों के साथ खड़ी है, इस कारण बेरोजगारी बढ़ी है। तमाम विभागों मंे हो रही भर्तियों में लगातार पर्चा आउट हो रहा है जिससे लोगों को नौकरी भी नहीं मिल पा रही हैं। डा. मान सिंह यादव ने कहा नौकरी और रोजगार न मिलने से नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं व सरकार अपनी वाहवाही लूटने में व्यस्त है। आउटसोसिर्ंग सरकार का नया खेल है।
नेता सदन व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा जबसे कमल खिला है, बेरोजगार लोगों को सरकारी नौकरी भी दी जा रही है और रोजगार मेले लगाकर लाखों लोगों को रोजगार मुहैयया कराया गया है। उन्होंने सपा की तरफ इशारा करते हुए कहा इनके शासकाल में अवैध बम और कट्टा बनाने की फैक्ट्री चलती थी। भाजपा के शासन में देश की सेना को मजबूत बनाने के लिए शस्त्रों की फैक्ट्री चल रही है। सपा सरकार में अवैध खनन, भूमाफिया, नकलमाफिया, अवैध शराब से हानेवाली कमाई को काम और रोजगार समझा जाता था। उन्होंने कहा 24 करोड़ सूबे की आबादी है। योगी सरकार बनने के बाद प्रदेश में युवाओं को रोजगार के रास्ते खुले हैं। विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में लाखों लोगों को सरकारी नौकरी मिली है।
बसपा के भीमराव अम्बेडकर ने प्रदेश में रोजगारपरक व्यवसायिक डिग्रीधारक बेरोजगारों को रोजगार दिलाये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। उन्होंने कहा बेरोजगारी महत्वपूर्ण मुद्दा है। डिग्री के हिसाब से बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिल रही है। सरकार ने विभिन्न आयोगों के जरिये कितनी भर्तियां निकाली है। यदि लम्बित भर्तियां पूरी हो तो 32 हजार नौजवानों को नौकरी मिल सकती है। नेता सदन ने कहा हमने रोजगार को पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त बनाया है। उन्होंने बताया शिक्षित नौजवानों को रोजगार दिलाना हमारी शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है। अधीनस्थ चयन आयोग से 30 हजार 111 पदों और लोक सेवा आयोग के जरिये 41 हजार 192 भर्तियां की गयी हैं। नेता सदन ने कहा सभी बेरोजगारों को सरकारी नौकरी ना कोई सरकार दे सकी है और ना कोई सरकार दे पायेगी। नेता सदन के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री डा0दिनेश शर्मा ने शिक्षा जगत में हुयी भर्तियों की स्थिति पर बताना शुरू किया जिसपर सपा सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्या ने आपत्ति करते हुए कहा कि नेता सदन के जवाब के बाद, किसी सामान्य सदस्य के जवाब देने का क्या औचित्य है। जिसपर सत्ता पक्ष और सपा सदस्यों के बीच तीखी नोक-झोंक हुयी। सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने प्रकरण को समाप्त कर दिया।
शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने प्रदेश में संस्कृत शिक्षा की अनदेखी एवं संस्कृत विद्यालयों व शिक्षकों की भर्ती एवं व्यवस्थाएँ सु²ढ़ किये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। उन्होंने कहा कि मदरसों की तरह संस्कृत विद्यालयों को भी आधुनिक बनाया जाये। इन्हें अनुदान सूची में लिया जाये, पांच वर्ष में एक भी पूर्णकालिक भर्ती नहीं हुयी है। सभी पदों पर भर्ती की जाये। भवन व आचार्यों की दुर्दशा पर ध्यान दिया जाये। माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा सरकार संस्कृत विद्यालयों, वहां के छात्रो एवं शिक्षकों के उन्ननयन के प्रति कटिबद्ध है। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराये जाने के लिए सरकार कटिबद्ध है। वेतन विसंगति दूर की जायेगी यह मामला प्रक्रियाधीन है। शिक्षकों एवं छात्रों को प्रोत्साहित करने की भी व्यवस्था है।
मंत्री के जवाब के बाद भी सदस्य व निर्दलीय समूह के राज बहादुर चंदेल की जिज्ञासा पर नेता सदन केशव मौर्या ने कहा यह भारतीय संस्कृति का आधार है। इसे समाप्त करने वाले चले गये। समयानुसार उचित कदम उठायेंगे। सभापति ने कहा सरकार इनके उन्नयन और शिक्षकों की भलाई के लिए जो भी बेहतर हो करे।
निर्दलीय समूह के राजबहादुर सिंह चन्देल, डा0 आकाश अग्रवाल ने प्रदेश में बेसिक शिक्षा के वित्तविहीन विद्यालयों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले छात्रों को नि:शुल्क सेवाएं-जैसे मिड-डे मील, जूते इत्यादि दिलाये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के बच्चों को सुविधा के कारण ही बच्चों की संख्या बढ़ी है। यह सदस्य ने स्वीकार किया है। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले छात्रों को नि:शुल्क सेवाओं की अभी व्यवस्था नहीं है, आनेवाले समय में इस पर विचार करेगी।