उत्तर प्रदेश

नहीं साबित हुई टैक्स चोरी की मंशा

Admin Delhi 1
7 Feb 2023 11:50 AM GMT
नहीं साबित हुई टैक्स चोरी की मंशा
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आगरा न्यूज़: जीएसटी विभाग की पेनल्टी से परेशान चल रहे कारोबारियों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के ताजा निर्णय ने बड़ी राहत दी है. इसके अनुसार टैक्स चोरी की मंशा सिद्ध किए बिना विभागीय अधिकारी कारोबारी फर्म पर पेनल्टी नहीं लगा सकते. इस निर्णय को ऐतिहासिक माना जा रहा है.

मामला वरुण बेवरेजेज लिमिटेड से जुड़ा है. रिट संख्या 958, वर्ष 2019 में कोर्ट द्वारा कहा गया है कि सचल दल अधिकारी, धारा 129 (3) के अंतर्गत तब तक अर्थदंड आरोपित नहीं कर सकते, जब तक कि उनके द्वारा यह साबित नहीं किया जाएगा कि कारोबारी की मंशा टैक्स चोरी की है. वरुण बेवरेजेज की तरफ से कोर्ट में निवेदन किया गया कि गलती के कारण ई-वे बिल में गलत वाहन संख्या चढ़ा दी गई. हालांकि माल के साथ सभी जरूरी कागजात थे. 3.73 लाख रुपये की पेनल्टी लगा दी. इस मामले में कंपनी ने प्रथम अपीलीय अधिकारी के यहां अपना मामला रखा. पेनल्टी पर आपत्ति की. लेकिन यहां न्याय नहीं मिला. प्रथम अपीलीय अधिकारी ने राजस्व के पक्ष में निर्णय दिया. इससे आहत होकर कारोबारी ने उच्च नयायालय में अपनी व्यथा रखी.

जीएसटी विभाग द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष ऐसा कोई बिंदु नहीं रखा गया जिससे कि यह साबित हो कि अपील करने वाले कारोबारी की इस मामले में मंशा टैक्स चोरी की थी. इसको संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने कारोबारी को राहत देने के लिए आदेश पारित किया. इससे पहले ऐसे ही मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारी के पक्ष में आदेश दिया. यह सत्यम शिवम पेपर्स प्रा. लि. से संबंधित केस था.

जीएसटी विशेषज्ञ सीए सौरभ अग्रवाल ने बताया कि मानवीय गलती को आधार बनाकर बहुत सी इकाइयों पर पेनल्टी लगाई गई थीं. इससे उनमें खौफ की स्थिति थी. इस निर्णय से लाखों कारोबारियों को लाभ मिलने जा रहा है. लघु उद्योग भारती के मनीष अग्रवाल ने बताया कि इस निर्णय के दूरगामी प्रभाव होंगे. न सिर्फ व्यापारियों के शोषण पर अंकुश होगा, आने वाले दिनों में व्यापारियों को बेवजह के खौफ से मुक्ति मिलेगी.

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