उत्तर प्रदेश

पर्यावरण बचाने की जिद ने कृष्णानंद राय को दी 'नेचर मैन' की पहचान

Ritisha Jaiswal
8 Aug 2022 2:53 PM GMT
पर्यावरण बचाने की जिद ने कृष्णानंद राय को दी नेचर मैन की पहचान
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हाथों में तिरंगा, साइकिल पर नीम का पेड़, एक बड़ा सा झोला…पर्यावरण को बचाने के लिए लिखे गए संदेशों के बैनर से भरी हुई एक साइकिल के साथ 61 वर्षीय कृष्णानंद राय रोजाना लखनऊ शहर में 50 किलोमीटर का सफर तय करते हैं.

हाथों में तिरंगा, साइकिल पर नीम का पेड़, एक बड़ा सा झोला…पर्यावरण को बचाने के लिए लिखे गए संदेशों के बैनर से भरी हुई एक साइकिल के साथ 61 वर्षीय कृष्णानंद राय रोजाना लखनऊ शहर में 50 किलोमीटर का सफर तय करते हैं. इन्हें लखनऊ के लोग 'नेचर मैन' के नाम से जानते हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2018 में इनको गंगा सेवक सम्मान से सम्मानित किया था. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सीनियर अकाउंटेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए कृष्णानंद राय लोगों को पर्यावरण और सेहत के प्रति जागरूक कर रहे हैं. साथ ही लोगों को हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने का भी संदेश देते हैं.

कृष्णानंद राय बताते हैं कि उनके नाना, बाबा, माता पिता और चाचा सभी पर्यावरण को साफ और सुरक्षित रखने के लिए समर्पित थे. इसी का असर उन पर भी हुआ. वे कहते हैं कि हवा पानी जब स्वच्छ रहेगा तब जीवन चल पाएगा, पेड़ लगाकर देखो भैया अच्छा दिन आ जाएगा. उन्होंने बताया कि आज न हवा स्वच्छ मिल पा रही है न पानी, सड़कों पर भारी जाम लगा रहता है. अगर लोग पौधे लगाएं और पुराने पौधों को बचाएं, नदियों को साफ रखें और अपनी सेहत को अच्छा रखने के लिए पास के सफर को साइकिल से ही तय करें तो इससे न सिर्फ पर्यावरण को फायदा होगा बल्कि लोगों को अच्छी सेहत भी मिलेगी. अकेले जाने के लिए लोगों को चार पहिया का इस्तेमाल न करके साइकिल का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे पर्यावरण में प्रदूषण कम होगा. साथ ही साथ ट्रैफिक जाम से भी निजात मिलेगा और लोगों को बीमारियों से भी मुक्ति मिलेगी.
इन सम्मानों से सम्मानित हो चुके हैं
7 अप्रैल 2018 को प्रयागराज में गंगा सेवक सम्मान से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित किया था. वहीं, विश्व मानव संघ की ओर से अंतर्राष्ट्रीय जुनून अवार्ड से 2018 में सम्मानित हुए थे. कृष्णानंद चिरइयो ना बोले जैसी फीचर फिल्म में बाबा जी की भूमिका भी अभिनेता के तौर पर अदा कर चुके हैं.वर्तमान में भोजपुरी कवि भी हैं.


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