उत्तर प्रदेश

मेरठ जेल में बने दीपों से रोशन होंगे घर, ईको-फ्रेंडली दीये और LED बल्ब तैयार कर रहे बंदी

Rounak Dey
23 Oct 2022 5:50 AM GMT
मेरठ जेल में बने दीपों से रोशन होंगे घर, ईको-फ्रेंडली दीये और LED बल्ब तैयार कर रहे बंदी
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मेरठ: मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में कैदियों द्वारा चलाई जा रही चक्की इन जिनों काफी चर्चा का विषय बनी हुई है. चलिए बताते हैं कि क्यों? दरअसल मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में बंद कैदी चक्की तो पीस रहे हैं, लेकिन अब बंदियों से चक्की में गेंहू पिसवाकर आटा नहीं बनवाया जा रहा है. बल्कि बंदी दीपावली के अवसर पर गोबर, मुल्तानी मिट्टी एवं गोंद को मिक्स कर आटे की चक्की के माध्यम से पीस कर दीया बनाने में लगे हुए हैं.

जानिए कैसे तैयार होता है दीप?

जिला कारागार में बंदी आटे की चक्की के माध्यम से मुल्तानी मिट्टी और गाय के सूखे हुए गोबर व गोद को मिलाकर डालते हैं. जिसके बाद उसका पाउडर बनता है. उस पाउडर के माध्यम से एक सांचे में डाला जाता है. जिसके बाद दीया बनाए जाते हैं. जब दीए सूख जाते हैं तो उसमें विभिन्न प्रकार के कलर किए जाते हैं, जिससे बाद ये दीपक काफी आकर्षक दिखाई देने लगते हैं.

एक से एक झालर भी हो रही है तैयार

जेल में ही बंदियों द्वारा एलईडी बल्ब की आकर्षक झालर भी तैयार की जा रही है.जिसके लिए उन्हें विशेष रूप से 2 महीने पहले ट्रेनिंग दी गई थी. उस ट्रेनिंग के बाद ही पुरुष व महिला बंदी बड़ी संख्या में जेल के अंदर ही बैठकर झालर व दीपक बना रहे हैं. हालांकि पूरे कार्य की अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग भी की जाती है.

जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि, झालर व दीयों को मुख्यालय के आउटलेट पर रखा जाएगा. जहां से इन झालर व दीयों की बिक्री होगी. उसके बाद जो भी झालर व दीयों का पैसा मिलेगा. वह इन बंदियों के खाते में भेजा जाएगा.

Rounak Dey

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