उत्तर प्रदेश

आग से रिकॉर्ड जलने के मोल में हाईकोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण आदेश, याचिका की कॉपी का वकील को खर्च दे यूपी सरकार

Renuka Sahu
2 Aug 2022 5:54 AM GMT
The High Court gave an important order in the cost of burning the record by fire, the UP government should pay the cost of the copy of the petition to the lawyer
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फाइल फोटो 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए याची के अधिवक्ता को याचिका की एक प्रति राज्य सरकार के अधिवक्ता को दोबारा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए याची के अधिवक्ता को याचिका की एक प्रति राज्य सरकार के अधिवक्ता को दोबारा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि याचिका की फोटो कॉपी पर आने वाला खर्च मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय वहन करेगा और मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय वकील को फोटोस्टेट का पैसा देगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति सुधारानी ठाकुर की खंडपीठ ने शिवेंदु शेखर ओझा की याचिका पर दिया है। गौरतलब है कि गत दिनों महाधिवक्ता कार्यालय में हुए भीषण अग्निकांड में वहां रखे लगभग काफी दस्तावेज जलकर राख हो गए। इस कारण सरकारी वकीलों के पास हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मुकदमों की सुनवाई में बहुत परेशानी आ रही है।
रिकॉर्ड दोबारा मेंटेन करने के लिए याचियों के वकीलों से ही याचिका की प्रति दोबारा जमा करने को कहा जा रहा है। याचियों के अधिवक्ता ऐसा कर भी रहे हैं लेकिन दोबारा रिकॉर्ड देने में उन पर अनावश्यक का आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है। इसके मद्देनजर कोर्ट उक्त याचिका में राज्य सरकार को फोटोस्टेट का खर्च याची के अधिवक्ता को देने का निर्देश दिया है। याचिका में तथ्य यह था कि याची की मां वित्त पोषित विद्यालय में सहायक अध्यापिका थीं।
पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमित होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। याची ने अनुकंपा राशि के लिए आवेदन किया लेकिन सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी ने याची की मां की सेवा से संबंधित रिकॉर्ड जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से मांगने की बजाय डीआईओएस से मांग लिया, जिससे सही रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो पाया और याची को अनुकंपा राशि का भुगतान अब तक नहीं हुआ है। इस पर याचिका दाखिल की गई। याचिका पर सुनवाई से पूर्व महाधिवक्ता कार्यालय में आग लग गई और और राज्य सरकार का रिकॉर्ड जल गया जिससे याची के अधिवक्ता को याचिका की प्रति दोबारा देने का निर्देश दिया गया है।
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