उत्तर प्रदेश

सरकार ने शिक्षक-स्नातक खंड की सीटें जीतने के लिए बनाई रणनीति, सबकी जिम्मेदारी तय

Admin Delhi 1
21 Jan 2023 7:52 AM GMT
सरकार ने शिक्षक-स्नातक खंड की सीटें जीतने के लिए बनाई रणनीति, सबकी जिम्मेदारी तय
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लखनऊ न्यूज़: भाजपा यूपी में अपने विजय रथ को किसी पड़ाव पर रुकने देना नहीं चाहती. पार्टी का फोकस फिलहाल शिक्षक और स्नातक कोटे की खाली सीटों पर हो रहे चुनाव पर है. इसके लिए व्यापक व्यूह रचना की गई है. एक ओर पार्टी की नजर पहली बार वोटर बने सीबीएसई स्कूलों के शिक्षकों पर है. वहीं दूसरी ओर जीत के लिए पार्टी मदरसों का द्वार भी खटखटाएगी. सरकारी अनुदान लेने वालों के साथ ही पंजीकृत मदरसों के शिक्षकों से भी संपर्क कर समर्थन मांगा जाएगा.

प्रदेश में शिक्षक और स्नातक खंड की पांच रिक्त सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया चल रही है. इसमें तीन सीटें खंड स्नातक की और दो खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की हैं. स्नातक कोटे की सीटें तो पहले से भाजपा के पास थीं. जबकि शिक्षक कोटे की दोनों सीटों पर शिक्षक संगठनों का कब्जा था.

अब भाजपा शिक्षकों के बीच पैठ बढ़ाकर इन सीटों को भी जीतना चाहती है. प्रत्याशी तो अपने स्तर से जुटे ही हैं, पार्टी ने अपने स्तर से भी हर वोटर तक पहुंचने के लिए रणनीति तैयार की है. सांसद-विधायकों की जिम्मेदारी तय की गई है.

सरकारी शिक्षकों से संपर्क करने के अलावा वित्तविहीन शिक्षकों को अपने पाले में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. पार्टी ने प्रत्याशी तय करने में भी इसका ध्यान रखा. वहीं मदरसा शिक्षकों से समर्थन मांगने में पार्टी कोई परहेज नहीं करेगी. पार्टी का मानना है कि मोदी-योगी सरकार ने बिना भेदभाव के तमाम योजनाओं का लाभ सभी को दिया है. लाभांवित होने वालों में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक भी हैं. ऐसे में उनसे भी चुनाव में सहयोग और समर्थन मांगा जाएगा.

सीबीएसई के शिक्षकों को पाले में लाने की तैयारी

सीबीएसई बोर्ड के शिक्षक इस बार विधान परिषद चुनाव में मतदान करेंगे. भाजपा की नजर उनके वोट पर भी है. केंद्रीय बोर्ड से संबंधित होने के नाते इन शिक्षकों की यूपी सरकार से कोई शिकवा-शिकायत भी नहीं है. न ही यह लोग शिक्षक संगठनों से संबंधित किसी गुट के प्रभाव में हैं. लिहाजा भाजपा इन शिक्षकों को अपने पाले में खींचने के लिए पूरी शिद्दत से जुट गई है.

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