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लखनऊ: विधान परिषद में शुक्रवार को शून्य काल में किसानों के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के विधायकों और नेता सदन केशव प्रसाद मौर्या के बीच जमकर नोकझोंक हुयी। सपा सदस्यों ने सरकार पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा किसान परेशान है। यह मुद्दा गंभीर है, सरकार तत्काल इस पर चर्चा कराये। नेता सदन व उपमुख्यमंत्री ने कहा सरकार किसानों की असली हितैषी है।
किसान हमारा भगवान और अन्नदाता है। उसकी कमाई बढ़े यह सरकार की प्राथमिकता है। हमारी सरकार गरीबों, किसानों और गांवों के लिए समर्पित है। इस मुद्दे पर चर्चा की कोई आवश्यकता नहीं है। सपा सदस्य उत्तेजित होकर नारेबाजी करते हुए वेल में आ गये। सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने सदन को अव्यवस्थित देखते हुए कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इसके पूर्व प्रश्नकाल में सपा सदस्य डा मानसिंह यादव के सवाल पर सरकार द्वारा शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की मांग अस्वीकार कर देने पर सपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया।
इसके पूर्व प्रश्नकाल में डा. मान सिंह यादव ने प्रदेश के शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर सरकार से सवाल किया कि क्या सरकार शिक्षामित्रों का मानदेय पूर्ववत 40 हजार करेगी। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार शिक्षामित्रों का मानदेय दस हजार नियत किया गया है। फिलहाल मानदेय बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। जिसपर असंतुष्ट सपा सदस्यों ने वाकआउट किया।
शून्य प्रहर में उमेश द्विवेदी विशेषाधिकार हनन का मामला उठाते हुए कहा कि प्रतापगढ़ के जिला विद्यालय निरीक्षक ने उनके फोन पर बात नहीं की। ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने भी कहा कि अधिकारी मनबढ़ हो गये हैं। नेता सदन केशव प्रसाद मौर्या ने कहा किसी भी अधिकारी को विधायक का फोन उठाना होगा। ऐसा नहीं करने वाले अधिकारी को बख्शा नहीं जोयगा। अधिकारी यदि कहीं व्यस्त है तो वह कॉलबैक करेगा। सदस्य के सम्मान के खिलाफ कुछ भी बर्दाश्त किया जायेगा। सभापति ने सरकार को निर्देश दिया कि वह स्पष्टीकरण प्राप्त करे और उसके बाद वे स्वयं निर्णय लेंगे।