उत्तर प्रदेश

महाविद्यालय में छात्र निधियों के मनमाने खर्च पर शासन ने कसा शिकंजा

Admin Delhi 1
5 April 2023 12:46 PM GMT
महाविद्यालय में छात्र निधियों के मनमाने खर्च पर शासन ने कसा शिकंजा
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प्रतापगढ़ न्यूज़: अनुदानित व मान्यता प्राप्त महाविद्यालय के छात्र निधियों के मनमानी खर्च पर शासन ने शिकंजा कस दिया है. प्रबंधकों के अधिकार में कटौती करते हुए छात्र निधियां प्राचार्यों के नियंत्रण में दे दी गई हैं. अलग-अलग मद के बैंक खातों का संचालन प्राचार्य या उनकी ओर से नामित प्राध्यापक करेंगे.

महाविद्यालयों की निधियां मनमाने तरीके से खर्च को देखते हुए शासन ने अब इस पर शिकंजा कस दिया है. उच्च शिक्षा निदेशक प्रयागराज प्रो. ब्रह्मदेव ने छात्र निधियों के खर्च की गाइडलाइन जारी करते हुए प्राचार्यों को पत्र भेजा है. इसमें उन्होंने कहा कि कई अनुदानित व मान्यता प्राप्त महाविद्यालय में व्यवस्था के अनुसार निधियों के खातों का संचालन नहीं हो रहा है. अब अनुदानित महाविद्यालय की छात्र निधियों पर केवल प्राचार्य का नियंत्रण होगा. अन्य निधियों के लिए प्राचार्य व प्रबंधक संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगे. छात्र निधियों को उपयोग निर्धारित मद में ही किया जा सकेगा. यह निधि तीन साल तक अवशेष रहने पर उच्च शिक्षा निदेशक की अनुमति से ही उसे दूसरे मद में खर्च किया जा सकेगा. यह महाविद्यालय के विकास मद में नहीं खर्च की जा सकेगी. उच्च शिक्षा से जुड़े लोगों का मानना है कि नए शासनादेश से अनुदानित महाविद्यालयों में प्रबंधकों का वित्तीय दखल कम होगा.

● छात्र निधियों को उपयोग निर्धारित मद में ही किया जा सकेगा●

● अनुदानित महाविद्यालय की छात्र निधियों पर केवल प्राचार्य का होगा नियंत्रण

यह होंगी छात्र निधियां:

उच्च शिक्षा निदेशक के पत्र के अनुसार क्रीड़ा शुल्क, पत्रिका शुल्क, परिचयपत्र शुल्क, अध्ययन कक्ष शुल्क, वार्षिक दिवस शुल्क, परिषद शुल्क, छात्र संघ शुल्क, प्राथमिक चिकित्सा शुल्क, निर्धन छात्र शुल्क और कॉशन मनी.

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