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मेरठ: पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ड्यूटी टाइम खत्म होने के बाद भी देर रात तक अपने आॅफिस में मजमा लगाए रहते हैं। जब ड्यूटी टाइम शाम 5 बजे तक है तो फिर रात्रि में आॅफिस कैसे खुल रहा है और किसके आदेश पर खुलता हैं? यह बड़ा सवाल है। पीडब्ल्यूडी आॅफिस में प्रदेश में एक दो घटनाएं हो चुकी हैं गोली चलने की, लेकिन उसके बावजूद अधिकारी ड्यूटी टाइम समाप्त होने के बाद भी ठेकेदारों के साथ मजमा लगाए बैठे रहते हैं। ऐसे में कोई हादसा हो गया तो जवाबदेही किसकी होगी या फिर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने शासन स्तर से ड्यूटी टाइम खत्म होने के बाद बैठने की अतिरिक्त अनुमति ले रखी है?
दरअसल, पीडब्ल्यूडी के स्थानीय आॅफिस में जहां एई और जेई चले जाते हैं, वहीं एक्सईएन बैठते हैं। वहां पर प्राय देखा जा रहा है कि रात्रि में पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन और ठेकेदारों का मजमा लगा रहता है। ड्यूटी टाइम के बाद आखिर क्यों अधिकारी आॅफिस में बैठ रहते हैं? इसका जवाब तो वही बेहतर दे सकते हैं, लेकिन इतना अवश्य है कि तमाम टेंडर आॅनलाइन हो चुके हैं, लेकिन फिर भी ठेकेदारों का मजमा ड्यूटी टाइम के बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के आॅफिसों में लगा रहता है।
पीडब्ल्यूडी विभाग में टेंडरों को लेकर इससे पहले भी मारामारी हो चुकी है, सभी जेई, एई और क्लर्क आॅफिस से चले जाते हैं, लेकिन ऐसे में कुछ गिनती के अधिकारियों का बैठना आखिर किस ओर इशारा कर रहा है। यह जांच का विषय है। यह भी कहा जाता है कि आला अफसरों से अनुमति लेकर यह पीडब्ल्यूडी के अधिकारी बैठ रहे हैं, लेकिन लिखित में कोई अनुमति जानकारी करने पर नहीं मिली। यूपी के कई जनपदों में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ ड्यूटी टाइम खत्म होने के बाद कई हादसे आॅफिस में ही हो चुके हैं,
उसके बाद भी पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सबक नहीं ले रहे हैं। आखिर ऐसा क्या हैं कि आॅफिस टाइम में काम पूरा नहीं हो पाता हैं कि रात्रि में पीडब्ल्यूडी के अधिकारी आॅफिस खोलकर बैठे रहते हैं। यह बात अलग है कि शहर में कोई वीआईपी आया हैं तो आॅफिस खुल सकते हैं, लेकिन यहां तो हर रोज पीडब्ल्यूडी के आॅफिस रात्रि में खुल रहे हैं। इस दौरान कोई हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा?