उत्तर प्रदेश

वन विभाग ने इस वर्ष हुए पौधरोपण की सरकार को नही दी जानकारी, नपेंगे कई अधिकारी

Admin Delhi 1
8 Oct 2022 10:32 AM GMT
वन विभाग ने इस वर्ष हुए पौधरोपण की सरकार को नही दी जानकारी, नपेंगे कई अधिकारी
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मेरठ न्यूज़: मेरठ जिले की बात करे तो पौधरोपण केवल पौधे लगाने और फोटो खिंचवाने तक सीमित रह गया है। पौधे लगाइए, तस्वीर खिंचवाइए और फिर जिम्मेदारी भूल जाइए। इसके बाद न तो पर्यावरण की फिक्र है और न ही पौधों की देखभाल की। मेरठ में जुलाई माह की शुरुआत में कैबिनेट मंत्री के नेतृत्व में पौधरोपण कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। सूत्रों की माने तो लगाए गए पौधों में से अधिकांश पौधे सूख गए हैं या फिर उनके गड्डों में मिट्टी सही से न भर पाने की वजह से वह टूट गए हैं। वन महोत्सव के तहत जिले में 30 लाख से अधिक पौधे रोपे जाने का लक्ष्य इस वर्ष निर्धारित किया गया था। जिसमें वन विभाग समेत अन्य सभी सरकारी विभागों को मिलकर इस लक्ष्य को पूरा करना था, लेकिन सरकारी विभागों की उदासीनता के चलते आज तक लगाए गए पौधों की जानकारी वन विभाग को पूरी तरह से नहीं मिल सकी है। हाल ही में शासन की ओर से एक आदेश जारी कर कहा गया है कि अब प्रदेश में छह साल पहले लगाए गए पौधे बचे हैं या फिर नहीं उनकी जांच कराई जाएगी।

15 अक्टूबर से सभी जिलों में सत्यापन का काम शुरू कर दिया जाएगा, जो कि मार्च तक चलेगा। जिला स्तर पर एक माह पहले जिलाधिकारी द्वारा एक विभाग की दूसरे विभाग से पौधरोपण की जांच कराने के लिए कहा गया था। मगर गौर करने वाली बात यह है कि अभी तक केवल खरखौदा ब्लॉक की डिटेल आ पाई है अन्य जगहों की नहीं। डीएफओ राजेश कुमार का कहना है कि पौधरोपण का लक्ष्य वन विभाग के साथ-साथ सभी सरकारी विभागों को दिया गया था, जिनसे रिपोर्ट मांगने के लिए कार्यालय से फोन कराया जा रहा है। अभी तक केवल खरखौदा ब्लॉक की जानकारी मिल सकी है।

इन विभागों को दिया गया था पौधरोपण का लक्ष्य:

रेशम विभाग 35010

उच्च शिक्षा विभाग 28000

पंचायती राज विभाग 147560

स्वास्थ्य विभाग 19180

उद्योग विभाग 11200

गृह विभाग 9240

सहकारिता विभाग 6020

श्रम विभाग 2940

बेसिक शिक्षा विभाग 3000

औद्योगिक विकास विभाग 7426

पीडब्ल्यूडी विभाग 16240

कृषि विभाग 251520

पशु पालन विभाग 12600

ऊर्जा विभाग 10080

माध्यमिक शिक्षा विभाग 3000

प्राविधिक शिक्षा 8400

परिवहन विभाग 2940

रक्षा विभाग 9100

राजस्व विभाग 147560

जनशक्ति विभाग 16240

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